नयी दिल्ली: असम और मिजोरम के बीच विवाद खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्शन में आ गए हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्थ ईस्ट के एनडीए सांसदों से मुलाकात की है। इस मीटिंग में असम और मणिपुर के अलावा त्रिपुरा के भी सांसद शामिल हुए। मुलाकात के दौरान नॉर्थ ईस्ट के एनडीए सांसदों ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन दिया है जिसमें कहा गया है कि असम-मिजोरम विवाद के बहाने कुछ लोग नॉर्थ-ईस्ट में अशांति फैलाना चाहते हैं लेकिन उनकी साज़िश कामयाब नहीं होने दी जाएगी। नॉर्थ ईस्ट के सांसदों से मुलाकात से पहले पीएम मोदी ने मिजोरम के गवर्नर हरिबाबू से भी मुलाकात की।
मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें उकसाने वाले बयानों और सामग्रियों को तोड़मरोड़ कर बढ़ावा दे रही हैं और ऐसा करके क्षेत्र में आग को हवा देने का काम कर रही हैं। रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि नॉर्थ ईस्ट उनके दिल के बेहद करीब है, इसलिए क्षेत्र के प्रति उनका प्यार भी स्वाभाविक है।
रिजिजू के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस क्षेत्र को राजनीति के चश्मे से नहीं देखते। इस मुलाकात के दौरान सांसदों के प्रतिनिधमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा और कहा कि जो भी तत्व असम-मिजोरम मामले को भारत में अव्यवस्था फैलाने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं, उन्हें वह कहना चाहते हैं कि उनकी शरारत काम नहीं करने वाली है।
ज्ञापन में सांसदों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने ‘पूर्वोत्तर में विकास के ऐतिहासिक और बेमिसाल काम’ किए हैं। इस प्रतिनिधमंडल में पूर्वोत्तर के 16 सांसद मौजूद थे। इनमें 12 असम से, दो अरुणाचल प्रदेश और एक-एक मणिपुर और त्रिपुरा से थे।
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