हैदराबाद: केंद्र की राजग सरकार लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक लाने के वास्ते संसद का एक विशेष सत्र बुला सकती है, या आगामी शीतकालीन सत्र में ऐसा कर सकती है। तेलंगाना भाजपा के एक नेता ने आज यह दावा किया। तेलंगाना भाजपा प्रवक्ता कृष्ण सागर राव ने कहा कि इस बारे में संभावना है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है, या इस उद्देश्य के लिए एक विशेष सत्र बुला सकती है। राव ने कहा, ‘‘भाजपा एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में है, हम अब भी इस विषय को आगे बढ़ा रहे हैं और इसे नहीं छोड़ा है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में स्पष्ट संकेत दिखता है कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव अपना यह इरादा बना रहे हैं कि विधानसभा चुनाव समय से पहले कराए जाएं। हालांकि, भाजपा इसे (विधानसभा चुनाव पहले कराने को) संभावना के तौर पर नहीं देखती है।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि क्या टीआरएस सरकार विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की संभावनाएं तलाश रही है। तेलंगाना में अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव के साथ यह चुनाव होना है। राव ने कहा कि मुख्यमंत्री का मानना है कि यदि विधानसभा चुनाव समय से पहले कराए जाते हैं और लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराए जाते हैं, तो टीआरएस सत्ता में लौट आएगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विपक्ष के तैयार नहीं रहने का फायदा उठाना चाहते हैं और विधानसभा चुनावों पर ही पूरा ध्यान सुनिश्चित करना चाहते हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री आम चुनावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन के प्रभावों को लेकर भी चिंतित हैं जिसका असर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी पड़ सकता है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से यह संभव नहीं हो सकता है कि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं के साथ चुनाव कराने के लिए अभी विधानसभा भंग कर दें। इसकी यह वजह है कि चुनाव आयोग ने इन चार राज्यों में आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं। राव ने कहा कि तेलंगाना में समय से पहले चुनाव कराने से एक साथ चुनाव कराने का राष्ट्रीय एजेंडा भी हतोत्साहित होगा।