चंडीगढ़: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ‘मुफ्त बिजली’ को लेकर इशारों-इशारों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। सिद्धू ने कहा है कि पंजाब में दिल्ली मॉडल नहीं चलने वाला। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट्स में दिल्ली में दी जा रही ‘मुफ्त बिजली’ पर कई दावे किए हैं। सिद्धू ने ट्वीट में कहा, ‘नीति पर काम किए बगैर राजनीति नकारात्मक प्रचार से ज्यादा कुछ नहीं है और जिन राजनेताओं का अजेंडा जनहित का नहीं है वे यहां सिर्फ व्यापार के लिए हैं। इस तरह विकास के बगैर राजनीति का मेरे लिए कोई मतलब नहीं है। आज, मैं फिर से जोर देकर कहता हूं कि हमें पंजाब के विकास के लिए पंजाब मॉडल की ही जरूरत है।’
‘दिल्ली अपनी खुद की बिजली पैदा नहीं करती’
सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मैं बादल परिवार को दूरदृष्टि के लिए दोष नहीं दूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि उनके पास यह नहीं है। उन्होंने सौर ऊर्जा को कम खर्चीला बताते हुए कहा कि यह आज 1.99 रुपये प्रति यूनिट में मिल जाती है और नवीकरणीय भी है। सिद्धू ने कहा कि लेकिन बादल ने ऐसे PPA साइन किए जिनके चलते कहीं ज्यादा खर्च वाली थर्मल पावर दशकों से पंजाब के गले पड़ी हुई है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली मॉडल नहीं चलेगा! दिल्ली अपनी बिजली खुद पैदा नहीं करती और डिस्ट्रिब्यूशन रिलायंस और टाटा के हाथ में है। जबकि, पंजाब अपनी खुद की 25% बिजली पैदा करता है और राज्य के स्वामित्व वाली कार्पोरेशन के जरिए हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। दिल्ली मॉडल का मतलब बादल से बड़े प्राइवेट प्लेयर्स का आना है।’
‘दिल्ली किसानों को मुफ्त बिजली नहीं देती’
सिद्धू ने कहा, ‘पंजाब अपने बजट का 10% (10,668 करोड़ रुपये) बिजली सब्सिडी देता है लेकिन दिल्ली अपने बजट का 4% (3080 करोड़ रुपये) सब्सिडी के रूप में देती है। कृषि के अलावा, पंजाब 15 लाख परिवारों (एससी, बीसी और बीपीएल) को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देता है, लेकिन दिल्ली 400 यूनिट से कम के लिए 50 फीसदी और 400 यूनिट से ज्यादा होने पर पूरे पैसे वसूलती है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली किसानों को मुफ्त बिजली नहीं देती है और उद्योग और वाणिज्यिक क्षेत्र पर भारी बोझ डालकर घरेलू सब्सिडी दी जाती है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब मॉडल का मतलब है दोषपूर्ण पीपीए को रद्द करना, सस्ती/टिकाऊ बिजली का उत्पादन और खरीद और सभी को सब्सिडी वाली बिजली देने के लिए ट्रांसमिशन लागत में कमी करना।
‘मैंने अपना समय पंजाब मॉडल में लगाया’
सिद्धू ने कहा कि अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पंजाब के बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ऐसा कुछ कर सकते हैं? वह इसका 1% भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि निर्णय लेने की सभी शक्तियां पीएसईआरसी के पास हैं जो सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती है। सिद्धू ने कहा कि इस प्रकार, मैंने अपना समय पंजाब मॉडल में निवेश किया ताकि लोगों को लोगों की उर्जा उनके पास वापस लौटाने का रास्ता तैयार किया जा सके।