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सिद्धू ने 'कैप्टन' को दी चिट्ठी, सरकार को घेरने वाले मुद्दे फिर उठाए

सिद्धू ने अपनी चिट्ठी में एक बार फिर वही तमाम मुद्दे उठाए, जिन्हें लेकर वह पूर्व में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरते रहे हैं।

Reported by: Puneet Pareenja @puneetpareenja
Updated on: July 27, 2021 17:39 IST
सिद्धू ने 'कैप्टन' को दी चिट्ठी, सरकार को घेरने वाले मुद्दे फिर उठाए- India TV Hindi
सिद्धू ने 'कैप्टन' को दी चिट्ठी, सरकार को घेरने वाले मुद्दे फिर उठाए

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह की बीच लंबे वक्त से खींचतान जारी है। लेकिन, इसी बीच मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई। दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू ने ही कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने का समय मांगा था, जिसके बाद कैप्टन ने उन्हें सचिवालय में स्थित अपने दफ्तर में बुलाया। दोनों नेताओं के बीच काफी देर बातचीत चली।

मुलाकात के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक चिट्ठी सौंपी और कांग्रेस आलाकमान द्वारा पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली को बेहतर करने के लिए बनाए गए 18-सूत्रीय कार्यक्रम को याद दिलाया। सिद्धू ने अपनी चिट्ठी की पहली ही लाइन में लिखा कि पंजाब सरकार को आज ढृढ फैसले लेने की जरूरत है और सबको साथ लेकर चलने वाली लीडरशिप की जरूरत है।

इसके साथ ही सिद्धू ने अपनी चिट्ठी में एक बार फिर वही तमाम मुद्दे उठाए, जिन्हें लेकर वह पूर्व में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरते रहे हैं। उन्होंने चिट्ठी में लिखा, "पंजाब के लोग गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और कोटकपूरा तथा बहबल कलां में पुलिस फायरिंग की घटनाओं के मुख्य दोषियों को सजा दिलाकर पंजाब की आत्मा के लिए न्याय की मांग करते हैं।"

उन्होंने आगे लिखा, "पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी के पीछे एसटीएफ की रिपोर्ट में उल्लेखित बड़ी मछली को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए।" उन्होंने लिखा, "कृषि पंजाब की रीढ़ है और जैसा कि हम सभी केंद्र के तीन काले कानूनों के खिलाफ विरोध करते हैं।"

उन्होंने लिखा, "पंजाब सरकार को न केवल तीन काले कानूनों के कुछ खंडों (Clauses) में संशोधन की सिफारिश करनी चाहिए बल्कि उन्हें पूरी तरह से अस्वीकार कर देना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि उन्हें किसी भी कीमत पर पंजाब में लागू नहीं किया जाएगा।"

पत्र में लिखा, "हमारी सरकार को राज्य के खजाने को बिना किसी नुकसान के दोषपूर्ण बिजली खरीद समझौतों को रद्द करके आपके 2017 के चुनावी वादे को पूरा करना चाहिए।" उन्होंने आगे लिखा की राज्य में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स, टीचर्स, नर्सेस, लाइनमैन और सफाईकर्मियों के लिए सरकार बातचीत के रास्ते खोले।"

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