चंडीगढ़/नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच का विवाद कम होता नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फिर से 'लंच डिप्लोमेसी' शुरू कर दी है। दरअसल, राज्य में कांग्रेस के विधायकों की नब्ज टटोलने के लिए अमरिंदर सिंह ने सभी को अपने आवास पर गुरुवार को लंच के लिए बुलाया है। इससे पहले भी वह अपने आवास पर विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के साथ चाय पर चर्चा कर चुके हैं।
उधर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह विधायकों के मन की बात जानने की कोशिश कर रहे हैं तो इधर दिल्ली में नवजोत सिंह सिद्धू आलाकमान से मिलकर अपना 'गणित' सुधारने में लगे हैं। उन्होंने बुधवार को दिन में पहले प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की और फिर शाम को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। सिद्धू मंगलवार को ही दिल्ली आ गए थे लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उनकी मुलाकात बुधवार को हुई।
राहुल गांधी के आवास पर नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। दिन में प्रियंका से मुलाकात के बाद सिद्धू ने शाम के समय राहुल गांधी के 12 तुगलक लेन आवास पहुंचकर मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान संगठन या सरकार में सिद्धू को कोई अहम जिम्मेदारी देकर मनाने की कोशिश में है, लेकिन सिद्धू लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री उनके साथ काम नहीं कर सकते।
दिन में प्रियंका के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए सिद्धू ने ट्वीट किया था, ‘प्रियंका गांधी जी के साथ लंबी मुलाकात हुई।’ इससे पहले खबरें आई थीं कि सिद्धू कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं, जबकि राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि सिद्धू के साथ उनकी कोई मुलाकात तय नहीं है। हालांकि बुधवार को आखिरकार सिद्धू और राहुल की मुलाकात हो गई। अब पंजाब में जारी कलह को रोकने में यह मुलाकात क्या भूमिका निभाती है, यह देखने वाली बात होगी।
हाल के कुछ हफ्तों से सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सिद्धू का कहना है कि गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कारगर कदम भी नहीं उठाए गए। पंजाब में कांग्रेस की कलह दूर करने के प्रयास के तहत राहुल गांधी ने हाल के दिनों में पार्टी के कई नेताओं के साथ मंथन किया था। पार्टी की तीन सदस्यीय समिति ने भी 100 से अधिक नेताओं और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ मंत्रणा की थी।