नई दिल्ली: केन्द्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 4 साल पूरा होने के मौके पर कांग्रेस ने शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा, काला धन, भ्रष्टाचार, रोजगार, महंगाई, दलितों और कमजोर लोगों की सुरक्षा और किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि 4 साल में यह बात साबित हो गई कि 'मोदी जी और अमित शाह की जोड़ी देश के लिए हानिकारक है।' कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'बीते 4 वर्षों में सिर्फ बात ही बात और जनता के साथ विश्वासघात। काम कुछ नहीं हुआ, सिर्फ बातें की गईं। मोदी सरकार के 4 साल को सिर्फ चार शब्दों में बयान किया जा सकता है- प्रपंच, प्रचार, प्रतिशोध और झूठ।'
‘कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले खुद मुक्त हो जाएंगे’
उन्होंने कहा, '4 साल में यह साबित हो गई है कि मोदी जी और अमित शाह की जोड़ी देश के लिए हानिकारक है।' पार्टी ने '4 साल, 40 सवाल' शीर्षक से पुस्तिका भी जारी की। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि 4 साल में हर वर्ग के लोग दुखी और भयभीत हैं। प्रधानमंत्री मोदी की तरह कोई दूसरा प्रधानमंत्री नहीं हुआ जो इस पद की गरिमा को इतने नीचे ले गया हो। उन्होंने कहा, 'देश मे करीब 6 लाख गांव हैं। इनसे पूछना चाहिए कि अगर इन्होंने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई तो 5 लाख 82 हजार गांवों में बिजली कौन पहुंचाया?' गहलोत ने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले खुद मुक्त हो जाएंगे और कांग्रेस कभी खत्म नहीं होगी।
‘सरकार की वजह से कमजोर तबकों के लोग परेशान’
उन्होंने कहा, 'कृषि क्षेत्र का बुरा हाल है। कृषि क्षेत्र की विकास दर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान नहीं हो रहा है। बेरोजगारी का बुरा हाल है। 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था लेकिन रोजगार की हालत और खराब हो गई।' उन्होंने दावा किया, 'हिंसा और नफरत का माहौल है। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। इस सरकार ने जो माहौल बनाया है उससे कमजोर तबकों के लोग परेशान हैं। इस सरकार ने एससी/एसटी कानून को कमजोर करने का काम किया है।’
‘देश के भीतर कमजोर लोग सुरक्षित महसूस नहीं करते’
पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री ने चुनाव में बहुत बातें कीं। इसी मुद्दे पर उन्होंने चुनाव में लाभ हासिल करने की कोशिश की। उनको इसका फायदा भी मिला। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा का आज क्या हाल है? आज देश के भीतर कमजोर लोग सुरक्षित महसूस नहीं करते। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला हो रहा है। हमारा फौजी भी जो चाहे वो बोल नहीं सकता। मोदी सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है। 1996 के बाद जम्मू-कश्मीर में हालात ठीक हुए थे, लेकिन मोदी के चार वर्षों में सबसे ज्यादा जवान शहीद हुए, सबसे ज्यादा नागरिक मारे गए और सीमा पर सबसे अधिक संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ। इतने ज्यादा आतंकी हमले कभी नहीं हुए।'
‘काला धन तो लाए नहीं, सफेद धन भी बाहर भेज दिया’
उन्होंने कहा, 'क्या सभी पड़ोसी देशों के साथ हमारे रिश्ते ठीक है? डोकलाम में क्या हुआ, सबको पता है। इसके बाद भी प्रधानमंत्री बिना एजेंडा के चीन के दौरे पर गए।' उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गईं। काला धन वापस नहीं लाए लेकिन सफेद धन बाहर भेज दिया। नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोगों के जरिए हजारों करोड़ रुपये बाहर भेज दिए।’ आजाद ने कहा कि राफेल सौदे में क्या हुआ सबको पता है। इस पर प्रधानमंत्री कोई जवाब नहीं देते। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार की तुलना में इस सरकार के समय देश की GDP कम रही है। निर्यात घटा है।'