कोलकाता: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की निगरानी पटना उच्च न्यायालय से करने की अपील करेगी। मुजफ्फरपुर में बेसहारा लड़कियों के लिए बने आश्रय गृह में 34 नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया। तीन बच्चियों की मौत की बात भी कही जा रही है। इस बालिका गृह का संचालन ब्रजेश ठाकुर का एनजीओ करता है।
ठाकुर एक छोटा सा अखबार 'प्रात:कमल' चलाता है। चर्चा है कि इस अखबार को दो सौ लोग भी नहीं पढ़ते होंगे, लेकिन इसे नीतीश सरकार से सालाना करोड़ों रुपये के विज्ञापन मिलते रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि ब्रजेश ठाकुर पर सरकार की विशेष अनुकंपा का आखिर राज क्या है।
मोदी ने यहां कहा, "बिहार सरकार ने टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान को आश्रय गृहों का ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया था। संस्थान ने ऑडिट किया तो उसी क्रम में लड़कियों ने अपने साथ यौन उत्पीड़न होने की शिकायत की। इसके बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई।"
उन्होंने कहा, "11 आरोपियों में से 10 को गिरफ्तार कर लिया गया है।" मोदी ने कहा, "मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया है और आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है। सुनवाई की अगली तारीख को हम पटना उच्च न्यायालय से सीबीआई की पूरी जांच की निगरानी करने का आग्रह करेंगे।" उन्होंने कहा, "यह एक शर्मनाक घटना है। हमने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है। हमने किसी को नहीं बचाया है।"