नई दिल्ली: लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 11 जून को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्कत के बाद लालजी टंडन को मेदांता में भर्ती कराया गया था। लालजी टंडन के निधन के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने दुख प्रकट किया है। उन्होंने इसे निजी क्षति के साथ राजनीति जीवन की एक अपूर्णिय क्षति बताया।
उन्होंने कहा, "श्री टंडन जी एवं उनके परिवार से मेरा लगभग 50 वर्षों का संबंध था। श्री टंडन जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक समर्पित स्वयं सेवक थे और अपनी राजनीति के प्रारंभिक दिनों से ही जन संघ में सक्रिय थे।"
लालजी टंडन के निधन पर मध्य प्रदेश में पांच दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। वहीं राज्यपाल को श्रद्घांजलि देने के बाद कैबिनेट की बैठक भी स्थगित कर दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल टंडन को श्रद्घांजलि दी।
सभी मंत्रियों ने टंडन के निधन पर शोक जताया। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्यपाल टंडन के राजनीतिक सफर को याद किया और कहा कि उन्होंने अपने प्रशासनिक दृष्टि और अपने कौशल के बल पर उत्तर प्रदेश की जनता को बड़ा लाभ दिलाया।
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य में पांच दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस अवधि में राजकीय शोक के निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। कैबिनेट ने मौन रखकर राज्यपाल को श्रद्घांजलि दी और बैठक को स्थगित कर दिया गया।
ज्ञात हो कि टंडन काफी समय से बीमार चल रहे थे और लखनऊ के एक अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। उन्होंने मंगलवार की सुबह साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली। राज्य में टंडन का कार्यकाल लगभग एक साल रहा।