जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने रविवार को पाकिस्तान से आग्रह किया कि राज्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम दे रहे आतंकवादियों पर लगाम लगाया जाए। सईद ने, सप्ताहांत में राज्य में हुए दो आतंकवादी हमलों पर विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने की विपक्ष की मांग के बाद सदन में कहा, "यदि पाकिस्तान हमसे (भारत) मित्रता चाहता है तो उसे राज्य में शांति कायम करने में मदद करनी होगी।"
सईद ने कहा, "इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों से पाकिस्तान को कहना होगा कि वे ऐसी हरकतों से बाज आएं।"
सईद ने शुक्रवार-शनिवार को हुए हमले से इस्लामाबाद का संबंध जोड़ते हुए पहली बार टिप्पणी की है। इन हमलों में कुल आठ व्यक्ति मारे गए थे।
सेना की वर्दी में आए दो आतंकवादियों ने कठुआ जिले में शुक्रवार को एक पुलिस थाने पर धावा बोल दिया और एक पुलिसकर्मी, एक नागरिक और दो अर्धसैनिकों की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों आतंकवादी भी मारे गए।
शनिवार को भी दो अन्य आतंकवादियों ने साम्बा जिले में एक सैन्य शिविर पर हमला बोल दिया, जिसमें दोनों आतंकवादी मारे गए।
सईद के राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमलों की यह पहली घटना थी। सईद ने पहली मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
कठुआ में हुए हमले के बाद सईद ने इसके लिए अराजक तत्वों की तरफ उंगली उठाई थी। इस शब्द का इस्तेमाल अक्सर पाकिस्तान के लिए किया जाता है।
सदन की बैठक रविवार को जैसे ही शुरू हुई, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने आतंकवादी हमलों पर एक प्रस्ताव की मांग की। सदन में वित्त मंत्री हसीब द्राबू वित्त वर्ष 2015-16 के लिए बजट प्रस्ताव पेश करने वाले थे।
सईद ने विपक्ष से कहा कि सदन का सम्मान करें और कार्यवाही बाधित न करें।
उन्होंने कहा, "राज्य में यह पहला आतंकवादी हमला नहीं हुआ है। मुझे भरोसा है कि जल्द ही शांति लौट आएगी, जैसा कि 2002-07 के दौरान हुआ था।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलावरों ने राज्य में शांति को निशाना बनाया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि सदन इस रक्तपात की निंदा के लिए एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित करे।