Sunday, December 22, 2024
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पीडीपी को तोड़ने की कोशिश हुई तो घाटी में पैदा होंगे कई सलाउद्दीन: महबूबा मुफ्ती

मुफ्ती ने राज्य में विधायक बचाओ अभियान चलाया है और अब वह अपने रुठे हुए विधायकों को मनाने की कोशिश कर रही है ताकि पार्टी को टूट से बचाया जा सके। दरअसल इमराज रजा अंसारी, आबिद अंसारी, मोहम्मद अब्बास वानी और जावेद वेग ने बगावती तेवर अख्तियार कर रखे हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 13, 2018 10:05 IST
पीडीपी को तोड़ने की कोशिश हुई तो घाटी में पैदा होंगे कई सलाउद्दीन: महबूबा मुफ्ती
पीडीपी को तोड़ने की कोशिश हुई तो घाटी में पैदा होंगे कई सलाउद्दीन: महबूबा मुफ्ती

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार को धमकी देते हुए कहा है कि अगर पीडीपी को तोड़ने की कोशिश हुई तो घाटी में कई सलाउद्दीन पैदा होंगे। 1987 के चुनाव में गडबड़ हुई तो यासिन मलिक और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सईद सलाउद्दीन पैदा हुए। इस बार पीडीपी को तोड़ने की कोशिश और लोगों के हक में डाका डाला गया तो हालात उससे भी ज्यादा खराब होंगे।

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उम्मर अब्दुल्ला ने महबूबा के आरोप खारिज कर दिया। उमर ने ट्वीट कर कहा कि पीडीपी टूटी तो एक भी आतंकवादी पैदा नहीं होगा। यही नहीं उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी को ही कश्मीर में दोबारा आतंकवाद शुरू होने के लिए जिम्मेदार करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महबूबा हताशा में केंद्र को धमकी दे रही हैं कि अगर पीडीपी में तोड़फोड़ हुई तो फिर आतंकवाद शुरू होगा। वो भूल गई हैं कि उनके काबिल प्रशासन के कारण कश्मीर में दोबारा आतंकवाद पैदा हो चुका है। मैं सभी को याद दिला दूं कि पीडीपी के टूटने से एक भी नया आतंकवादी पैदा नहीं होगा। लोग उस पार्टी के खत्म होने का शोक नहीं मनाएंगे, जिसे कश्मीर के लोगों का वोट बांटने के लिए दिल्ली में पैदा किया गया था।

कौन है सैयद सलाउद्दीन?

-पाकिस्तान में रहकर कश्मीर में आतंक फैलाने का काम  
-1989 से आतंकी गतिविधियां चलाता आ रहा है
-सबसे बड़े आतंकी गुट हिज्बुल मुजाहिदीन का सरगना
-1987 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव हारने के बाद आतंकी बना
-कश्मीर में कई आतंकी वारदात की जिम्मेदारी ले चुका है
-1990 से पहले कश्मीर में यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था
-नाम बदलकर पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद गया सलाउद्दीन
-2012 में पाकिस्तान को हिजबुल का समर्थक बताया

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को बगावती नेताओं पर ऐक्शन लेना शुरू कर दिया। पीडीपी ने विधान परिषद सदस्य यासिर रेशी को बांदीपुरा जिला अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया। यासिर रेशी उन पीडीपी नेताओं में से एक हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से महबूबा मुफ्ती की आलोचना की थी। पीडीपी में बगावत के सुर काफी तेज हो चुके हैं, जिसे लेकर जाहिर तौर पर महबूबा परेशान चल रहीं हैं।

दरअसल जम्मू कश्मीर में सरकार गिरने के बाद महबूबा मुफ्ती को अपनी पार्टी में बगावत का सामना करना पड़ रहा है। पार्टा के पांच विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद किया है। जिन विधायकों ने महबूबा पर सवाल उठाए हैं उनमें बारामुल्ला के विधायक जावेद बेग का नाम प्रमुख है। जावेद बेग पीडीपी के संस्थापक और पार्टी सांसद मुजफ्फर बेग के भतीजे हैं। जावेद बेग के अलावा आबिद अंसारी ने भी महबूबा पर सवाल उठाए हैं। आबिद अंसारी जादिबल से पीडीपी विधायक हैं।

आबिद अंसारी के अलावा इमरान अंसारी भी महबूबा से नाराज हैं। इमरान अंसारी, आबिद अंसारी का चाचा और पूर्व मंत्री हैं। इमरान अंसारी ने महबूबा पर पार्टी में केवल परिवार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। वहीं तनमर्ग के विधायक मोहम्मद अब्बास ने इमरान अंसारी का खुलकर समर्थन किया है। पीडीपी विधायक और पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद पडरू ने भी महबूबा के खिलाफ मोर्चा खोला है। उनका आरोप है कि महबूबा पार्टी नेताओं की सलाह नहीं ले रही हैं।

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