नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है और इसके काफी हंगामेदार रहने की संभावना है। विपक्ष सत्र के दौरान गोरक्षकों से जुड़े घटनाक्रम, किसानों के प्रदर्शन, कश्मीर में तनाव, कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई, सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ जारी गतिरोध जैसे मुद्दे उठाएगा। दूसरी तरफ सत्तापक्ष ने विपक्ष से इस सत्र में सकारात्मक भूमिका निभाने की अपील की है।
आज संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोनों सदनों के वर्तमान सदस्यों के निधन के कारण उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी। इससे पहले कांग्रेस रविवार (16 जुलाई) को ही कह चुकी है कि वो सरकार से चीन के साथ जारी सीमा विवाद, कश्मीर में तनावपूर्ण हालात और गो रक्षा के नाम पर भीड़ की ओर से की जा रही हिंसा के मुद्दों पर जवाब मांगेगी।
ग़ौरतलब है कि सत्र से पहले बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी चीन के साथ विवाद का मुद्दा सदन में उठाएगी। इस सर्वदलीय बैठक का तृणमूल कांग्रेस ने बहिष्कार किया। कश्मीर पर आजाद ने कहा कि सरकार कोई बातचीत नहीं कर रही है, वहां राजनीतिक घुटन का माहौल है। आजाद ने कहा कि भीड़ की ओर से की जा रही हिंसा, किसानों की आत्महत्या के मद्देनजर कृषि संकट का मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सदन कार्यवाही में दिक्कत पैदा करने के पक्ष में नहीं है लेकिन तमाम मसलों पर सरकार को भी आगे आकर चर्चा करानी होगी।
किसान की आत्महत्या
विपक्ष देश भर में किसान आंदोलन और आत्महत्या के मसले पर सरकार पर ज़ोरदार हमला बोलेगा। इसके अलावा विपक्ष किसानों की कर्ज़ माफ़ी, न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंदसौर की घटना संसद के दोनों सदनों में उठाएगा। सदन में ही नही बल्कि सदन के बाहर भी विपक्ष विरोध करेगा।
कश्मीर
कश्मीर का मुद्दा एक बार फिर दोनों सदनों में गूंजने की संभावना है। विपक्ष सरकार से कश्मीर पर उसकी नीति के बारे में पूछेगा। इसके अलावा अमरनाथ आतंकी हमले पर भी विपक्ष सरकार से बयान मांगेगा। विपक्ष पाकिस्तान के मामले रणनीति को लेकर भी सरकार को घेरेगा।
भारत-चीन तनाव
विपक्ष ने चीन के साथ चल रहे तनाव पर भी सरकरा को घेरने का मूड बना रखा है हालंकि विदेश मंत्री और गृह मंत्री इस मसले पर विपक्ष को जानकारी दे चुके हैं। लेकिन विपक्ष दोनों सदनों में ये मसला उठाकर सरकार से पूरे प्रकरण पर बयान मांगेगा। विपक्ष सरकार से ये भी जानना चाहेगा कि प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच क्या चर्चा हुई। ये मामला विदेश मामलों की स्थाई समिति में उठाया जाएगा।
देश की आर्थिक स्थित
विपक्ष दोनों सदनों में IT सेक्टर में कम होते रोज़गार, नोटबंदी और GST का देश की अर्थ व्यवस्था पर असर, इसे लेकर सरकार को घेरने की तैयारी करके बैठा है। विपक्ष सरकार से मांग करेगा कि नेटबंदी और GST से पूंजीनिवेश तथा रोज़गार पर क्या असर हुआ है, उस पर चर्चा की जाए।
मॉब लिंचिंग, दलितों पर अत्याचार, बीफ़ बैन
मॉनसून सत्र के दौरान मॉब लिंचिंग, दलितों पर अत्याचार, बीफ़ बैन पर भी विपक्ष और सत्तारुढ़ के बीच ज़बरदस्त बहस होगी। विपक्ष इन मुद्दों को सदन के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर भी उठाएगा। कांग्रेस ने बैंगलोर में एक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन रखा है जिसमें पार्टी अद्यक्ष सोनिया गांघी और राजीव गांघी बोलेंगे। 21 से 23 जुलाई तक होने वाले सम्मेलन में विपक्षी नेताओं और कुछ विदेशी मेहमानों के भी आने की बात है।