नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी स्पष्टता और पक्के इरादे से इतिहास रचा है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नजरिया सही साबित हुआ जबकि पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नजरिया ‘विफल’ हुआ। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के सरकार के कदम के बाद जेटली ने ब्लॉग लिखा है जिसमें इस कवायद का विरोध करने पर कांग्रेस पर तंज कसा गया है।
उन्होंने विपक्षी पार्टी को ‘दिशाहीन’ बताया और कहा कि उसका नेतृत्व गर्त में जाने को बेकरार है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इतिहास में अपनी जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि राज्य को अलग दर्जा ही अलगाववाद का कारण है और कोई भी आगे बढ़ता हुआ राष्ट्र इस स्थिति को जारी रखने की इजाजत नहीं दे सकता है।
जेटली ने कहा कि इस कदम को लेकर ‘लोकप्रिय समर्थन’ था जिस कारण से कई विपक्षी पार्टियां इसकी हिमायत करने को मजबूर हुईं, क्योंकि उन्हें जमीनी सच्चाई का पता था और वे लोगों के गुस्से का सामना नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि आज जब इतिहास फिर से लिखा जा रहा है। इसने फैसला दिया है कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का कश्मीर पर नजरिया ठीक था जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जिस तरह के समाधान का सपना देखा था, वो विफल साबित हुआ है। प्रधानमंत्री ने स्पष्टता और दृढ़ निश्चय से इतिहास बनाया है।
उन्होंने कहा कि मोदी और शाह ने असंभव को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक विधेयक, भारत के आतंक रोधी कानून को मजबूत करने वाला विधेयक और अनुच्छेद 370 पर निर्णय समेत कई कानून इसी संसद सत्र में पारित हुए हैं। यह सभी ‘अप्रत्याशित’ हैं। जेटली ने कहा कि यह लोकप्रिय धारणा थी कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 पर जो वादा किया था, उसे हासिल नहीं किया जा सकता। इस धारणा को गलत साबित किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ‘‘समस्या पैदा की’’ और फिर इसको बढ़ाया।’’ वह इसका कारण नहीं देख पा रही है।
पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस के ज्यादातर नेता सरकार के इस कदम का समर्थन करते हैं। उनकी निजी और सार्वजनिक टिप्पणियां इसका समर्थन करने वाली हैं। जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी दिशाहीन है और लोगों से अपनी दूरी को और बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं के विपरीत जा कर जेएनयू में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का समर्थन किया था और अब भी इसके नेतृत्व ने ऐसा ही किया है। जेटली ने जम्मू कश्मीर के भारत के साथ विलय और अनुच्छेद 370 और इसकी राजनीतिक इतिहास के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के जरिए राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देना ‘ऐतिहासिक भूल’ थी जिसकी कीमत देश ने राजनीतिक और आर्थिक, दोनों तरह से चुकाई है। अलगाववाद और आतंकवाद के मुद्दे को हल करने के अलग-अलग प्रयास असफल साबित हुए। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसी वजह से मोदी वैकल्पिक दृष्टिकोण पर सोचने पर मजबूर हुए क्योंकि कुछ सौ अलगाववादी नेताओं और आतंकवादियों ने राज्य और देश को बंधक बनाया हुआ है। ऐतिहासिक गलती को सुधारने के लिए मोदी और शाह की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा कि उनके कदम ने दिखाया है कि ‘‘मोदी है तो मुमकिन है।’’