नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का विचार अव्यवहारिक और असंवैधानिक है। बनर्जी ने कहा, "संविधान के बुनियादी ढांचे को बदला नहीं जा सकता। हम एक साथ चुनाव कराने के विचार के खिलाफ हैं, क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।" वह मोदी के एक राष्ट्र एक चुनाव योजना पर विधि आयोग के साथ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक से इतर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "मान लीजिए कि 2019 में केंद्र और सभी राज्यों में एक साथ चुनाव होते हैं। अगर केंद्र में एक गठबंधन की सरकार बनती है और वह बहुमत खो देती है तो केंद्र के साथ-साथ सभी राज्यों में फिर से चुनाव कराने होंगे।" बनर्जी ने कहा, "यह अव्यवहारिक, असंभव और संविधान के प्रतिकूल है। लोकतंत्र और सरकार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वित्तीय मुद्दा कम महत्व का है, पहली प्राथमिकता संविधान और लोकतंत्र है। संविधान को बरकरार रखा जाना चाहिए।"
तृणमूल नेता ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि उसके नेता केवल बात करते हैं और कोई काम नहीं करते। साथ ही उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी कोई योगदान नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "आंबेडकर समेत संविधान लिखने वाले लोग पंडित थे। हम उनकी तुलना में कुछ भी नहीं जानते। उन्होंने कभी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के बारे में बात नहीं की। उन्होंने हमें संघीय संरचना दी। केंद्र सरकार राज्यों की तुलना में प्रधान नहीं है।" उन्होंने कहा कि यह आवश्यक नहीं कि जो भी प्रधानमंत्री मांग करें, राज्य उसे पूरा करें।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री अपने वादे पूरे नहीं करते। पहले उनसे सभी को 15 लाख रुपये देने के लिए कहें, जैसा उन्होंने 2014 में सत्ता में आने से पहले अपने चुनाव अभियान में वादा किया था।" विधि आयोग के साथ देश के मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों की दो दिवसीय बैठक यहां आयोजित की जा रही है। इसमें भाग लेने वाले क्षेत्रीय दलों में समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल, द्रमुक, अन्नाद्रमुक, रालोद, शिरोमणि अकाली दल शामिल हैं।