नई दिल्ली: इंडिया टीवी-सीवोटर ओपिनियन पोल के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में ज़बरदस्त कमी आई है और 78 प्रतिशत लोग भूमि अधिग्रहण विधेयक के ख़िलाफ़ हैं।
देश व्यापी पोल के मुताबिक़ 63 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी की छवि ग़रीब और किसान विरोधी लगती है लेकिन 37 प्रतिशत लोगों को ऐसा नहीं लगता।
48 प्रतिशत ने कहा कि पिछले एक साल में मोदी की लोकप्रियता कम हुई है जबकि 52 प्रतिशत का मानना है कि उनकी लोकप्रियता में कोई फ़र्क नहीं पड़ा है।
अगर पोल के नतीजे क्षेत्रवार देखें तो उत्तर में 65, पश्चिम में 52, पूर्व में 34 और दक्षिण भारत में 38 प्रतिशत लोगों का कहना है कि पिछले एक साल में मोदी की लोकप्रियता कम हुई है।
56 प्रतिशत लोगों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कामकाज को अच्छा, 31 ने औसत और 13 प्रतिशत ने ख़राब बताया।
इसी तरह नितिन गडकरी के मामले में 40 प्रतिशत ने अच्छा, 38 ने औसत और 22 प्रतिशत ने उनके कामकाज को ख़राब बताया।
44 प्रतिशत लोग मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के काम से खुश हैं जबकि 35 को उनका कामकाज औसत लगता है और 21 प्रतिशत को ख़राब।
49 प्रतिशत लोगों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के काम को अच्छा बताया जबकि 23 प्रतिशत उनके काम से एकदम नाखुश हैं। 28 प्रतिशत उनके काम को औसत मानते हैं।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के मामले में 50 प्रतिशत लोग उनसे खुश हैं जबकि 36 प्रतिशत उनके काम को औसत मानते हैं। 14 प्रतिशत की नज़रों में उनका कामकाज ख़राब है।
यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में मोदी के कामकाज का असर पड़ेगा, 52 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अच्छा असर पड़ेगा जबकि 45 प्रतिशत लोगों की राय इससे एकदम अलग है।
59 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे मोदी के एक साल के शासनकाल से संतुष्ट हैं जबकि 41 प्रतिशत लोग संतुष्ट नहीं हैं।
सर्वे के अनुसार पूर्वी भारत में 82 प्रतिशत लोग मोदी के एक साल के शासनकाल से खुश हैं जबकि दक्षिण में 59 और पस्चिम में 57 प्रतिशत लोग खुश हैं।
उत्तर भारत में 56 प्रतिशत लोग मोदी के अब तक के कार्यकाल से खुश नही हैं जबकि 44 प्रतिशत खुश हैं।
64 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मंहगाई पिछले एक साल में कम नही हुई है जबकि 64 प्रतिशत लोग विदेश से काला धन लाने के सरकार के प्रयास से खुश हैं। 51 प्रतिशत का मानना है कि ेक साल में भ्रष्टाचार कम हुआ है।