नई दिल्ली: सरकार के 8 मंत्रियों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के व्यवहार पर बेहद नाराजगी जताई और कहा कि वे अपने कृत्यों के लिए देश की जनता से माफी मांगें। प्रेस कॉन्फेंस की शुरुआत में अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा में जो भी घटना वो शर्मनाक था। विपक्ष को संवैधानिक मूल्यों की गरिका की फिक्र नहीं है। विपक्ष ने संसद से सड़क तक अराजकता फैलाई। घड़ियाली आंसू बहाने के बजाय देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष ने तय कर लिया था कि सदन नही चलने देंगे।प्रधानमंत्री को उनके नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं कराने दिया। उन्होंने कहा कि हंगामा करनेवाले सांसदों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने विपक्ष के साथ हुई बैठकों का और उनके साथ हुई चर्चा का भी हवाला दिया। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी से भी माफी मांगने को कहा।
पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सदन की गरिमा को काफी नुकसान पहुंचाया। माफी मांगने की बात तो छोड़िए वे सीना चौड़ा करके कहते हैं कि और ऐसी घटना करेंगे। टेबल पर नाचकर सांसद ने भद्दा प्रदर्शन किया। विपक्ष के रवैये से काफी दुखी हूं। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों के अमर्यादित आचरण एवं मर्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने को लेकर उनके (विपक्षी दलों के सांसदों के) खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा में महासचिव की मेज नाचने और विरोध करने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान संसद में जो हुआ, उसके लिए विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। ठाकुर ने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष का एकमात्र एजेंडा सड़क से लेकर संसद तक अराजकता पैदा करना था।
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि राज्यसभा के सभापति को नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद को नहीं चलने देने का पहले ही फैसला कर लिया था। जोशी ने कहा, ‘‘संसद में नियम तोड़ने एवं अमर्यादित व्यवहार करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि कोई ऐसा करने का साहस नहीं करे।’’ इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने सरकार पर सदन में मार्शल का इस्तेमाल करने एवं धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं। बैनर पर ‘‘हम किसान विरोधी काले कानूनों को रद्द करने की मांग करते हैं’’ लिखा हुआ था। विपक्षी नेताओं ने जासूसी बंद करो, काले कानून वापस लो और लोकतंत्र की हत्या बंद करो के नारे भी लगाए। विपक्षी नेताओं की बैठक में खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश एवं आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में कुछ महिला सांसदों के साथ कथित धक्का-मुक्की की घटना को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की की और उनका अपमान किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने 55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर सदन के भीतर हमला किया गया हो।