नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में अपने ऊपर ‘‘ट्यूबलाइट’’ वाले तंज पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि मोदी प्रधानमंत्री की तरह बर्ताव नहीं करते हैं। गांधी ने यह भी दावा किया कि वह प्रश्नकाल के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मेडिकल कॉलेज से जुड़ा प्रश्न करना चाहते थे, लेकिन उनको बोलने नही दिया गया। उन्होंने संसद परिसर में संवादाताओं से कहा, ‘‘आम तौर पर एक प्रधानमंत्री का विशेष दर्जा होता है, एक प्रधानमंत्री खास तरीके से बर्ताव करता है, उनका एक विशेष कद होता है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री में ये चीजें नहीं हैं। वह प्रधानमंत्री जैसा बर्ताव नहीं करते हैं।’’
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के अपने जवाब के दौरान मोदी के ‘‘ट्यूबलाइट’’ तंज को लेकर राहुल से सवाल पूछा गया था। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा खुद पर हमला किए जाने पर गांधी ने कहा, ‘‘वायनाड का मुद्दा था, मेडिकल कॉलेज का मुद्दा था। वहां के लोगों को कठिनाई हो रही है, मैं उठाना चाह रहा था। आमतौर पर प्रश्नकाल में सवाल का जवाब दिया जाता है, मगर शायद स्वास्थ्य मंत्री को किसी और ने बताया होगा, निर्देश दिया होगा। वह अपने आप ये नहीं करते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें दबाया जा रहा है और संसद में हमें बोलने की इजाजत नहीं दी जा रही है।’’
गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो इस देश के युवा हैं वो रोज़गार चाहते हैं। प्रधानमंत्री उनको जवाब दे नहीं पा रहे हैं, इसलिए आज आपने यह ड्रामा देखा और इसीलिए कल प्रधानमंत्री ने सब चीजों के बारे में बात की, मगर रोज़गार की बात नहीं की।’’ सदन में हंगामे का उल्लेख करते हुए गांधी ने कहा, ‘‘टेलीविजन का कैमरा है, उस वीडियो को देख लीजिए। मणिकम टैगोर जी जरूर वेल में गए, मगर मणिकम टैगोर जी ने किसी पर हमला नहीं किया, उल्टा उन पर हमला हुआ।’’
दरअसल, लोकसभा में शुक्रवार को उस समय हंगामेदार स्थिति बन गई जब हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान की आलोचना करते हुए उसे ‘अजीबोगरीब’ करार दिया। इस पर कांग्रेस के सदस्य टैगोर के मंत्री के पास आकर विरोध दर्ज कराने के तरीके को सरकार ने अत्यंत निंदनीय करार दिया। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।