नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मंत्रिमंडल का तीसरी बार सबसे बड़ा विस्तार करते हुए जहां 9 नए चेहरों को शामिल किया है, वहीं चार मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोट किया है। मोदी सरकार में आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 4 नौकरशाह भी शामिल है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पीएम मोदी आज चीन और म्यामांर के दौरे के लिए रवाना हो गए हैं।
मोदी सरकार के आज के कैबिनेट विस्तार के बाद इस बात को लेकर भी चर्चा चल पड़ी है कि चीन के विदेश दौरे पर निकलने से ठीक 2 घंटे पहले ही नए मंत्रियों को आखिर क्यों शपथ दिलाई गई? आखिर वह कौन सी बात है जिसके चलते हर बार जब भी मंत्रिमंडल में विस्तार होता है उसके ठीक बाद पीएम मोदी विदेश दौरे पर निकल जाते हैं ?
यह महज संयोग है या फिर कुछ और कारणों के चलते ऐसा हुआ है? दरअसल यह मोदी सरकार में तीसरी बार कैबिनेट विस्तार हुआ है और इससे पहले भी पिछले दो बार जब कैबिनेट का विस्तार हुआ था तो उस समय भी पीएम मोदी विदेश दौरे पर चले गए थे?
पहला कैबिनेट विस्तार: 9 नवंबर 2014
मोदी सरकार ने अपना पहला कैबिनेट विस्तार 9 नवंबर 2014 को किया था और इसके तत्काल बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर रवाना हो गए थे।
दूसरा कैबिनेट विस्तार: 5 जुलाई 2016
मोदी सरकार में दूसरा कैबिनेट विस्तार 5 जुलाई 2016 को हुआ था और इस कैबिनेट विस्तार के बाद पीएम मोदी अफ्रीका के दौरे पर रवाना हो गए थे।
तीसरा कैबिनेट विस्तार: 3 सितंबर 2017
मोदी सरकार ने अपना तीसरा बड़ा विस्तार आज 3 सितंबर 2017 को किया है और मंत्रिमंडल विस्तार के ठीक बाद पीएम मोदी चीन और म्यांमार के दौरे पर रवाना हो गए है।
दरअसल इस बार 6 सितंबर से पितृपक्ष के श्राद्ध शुरू हो रहा है इसलिए सरकार उससे पहले मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहती थी। दूसरा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सितंबर के पहले दो दिन में व्यस्त कार्यक्रम था जिसके चलते भी 3 सितंबर की तारीख को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए बेहतर माना गया। हालांकि राजनीतिक पंडितों का एक आकलन यह भी कहता है कि मंत्रिमंडल विस्तार के ठीक बाद पीएम मोदी की विदेश यात्रा का प्लान एक राजनीतिक रणनीति भी हो सकती है जिसके चलते मीडिया के सवालों से बचा जा सकें।
दूसरी बात मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पार्टी के अंदर भी काफी अपने ऐसे लोग होते हैं जो बड़ी उम्मीद रखते हैं और जब ऐसे लोगों को सरकार में जिम्मेदारी नहीं मिलती है तो ऐसे लोगों के सवालों से बचने के लिए भी यह एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है। हालांकि यह महज संयोग भी हो सकता है लेकिन सोशल मीडिया और राजनीति हलकों में मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद पीएम मोदी का हर बार विदेश दौरे पर रवाना होने की बात पर चर्चा का दौर चल पड़ा है। हर कोई अपने अपने हिसाब से आकलन कर रहा है।