हैदराबाद: गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने बुधवार को कहा कि 'देश भर में दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों के लिए' नरेंद्र मोदी सरकार को भारी कीमत चुकानी होगी। गुजरात विधानसभा के नव निर्वाचित सदस्य ने कहा कि युवाओं और विशेष रूप से दलितों के मुद्दों पर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
युवा नेता ने दलित नेता मांडा कृष्णा मडिगा से यहां चंचलगुड़ा जेल में मुलाकात की और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की। अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल उपजाति मडिगा के नेता मांडा कृष्णा अनुसूचित जाति आरक्षण के वर्गीकरण के लिए लड़ रहे हैं।
मांडा कृष्णा की गिरफ्तारी को अवैध और असंवैधानिक करार देते हुए जिग्नेश ने कहा कि किसी सरकार और किसी पुलिस को कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी की मांगों से सहमत नहीं होने पर उसकी आजादी, मौलिक और संवैधानिक अधिकारों को कम कर सके।
जिग्नेश ने संवाददाताओं से जेल के बाहर कहा कि आने वाले दिनों में मांडा कृष्णा और अन्य दलित व प्रगतिशील संगठन एक बहुत बड़ा गठबंधन तैयार करेंगे, जो आरक्षण और भू-अधिकारों के लिए लड़ेगा। उन्होंने कहा, "भूमि मेरे दिल से जुड़ा हुआ विषय है। प्रत्येक भूमिहीन के लिए गुजरात में मैं पांच एकड़ और यहां वह (मांडा कृष्णा) तीन एकड़ जमीन की मांग कर रहे हैं।"
जिग्नेश ने कहा कि वह बेरोजगारी के मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने आरक्षण की नीति, दलितों के आत्म सम्मान और आर्थिक उत्थान जैसे विभिन्न मुद्दे पर भी चर्चा की।