श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा सरकार विभिन्न धर्मों के मध्य दरार पैदा कर रही है और अल्पसंख्यक ‘‘भयभीत’’ महसूस कर रहे हैं। वह पूर्व आईपीएस अधिकारी शफकत अली वत्ताली के पार्टी में शामिल होने के अवसर पर आयोजित समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, इन चुनावों में, जो पार्टी सत्ताधारी है वह विभिन्न धर्मों के बीच खाई पैदा करने की कोशिश कर रही है और ये देश के लिए दुखद है। मुसलमान डरा हुआ महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक डरा हुआ महसूस कर रहे हैं...यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि देश सिर्फ किसी ‘‘एक दल या एक विशेष पंथ के लोगों का ही नहीं हैं।’’
उच्चतम न्यायालय के राजनीतिक रूप से संवेदनशील रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजे जाने पर टिप्पणी करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के इस नेता ने कहा कि वह अदालत के फैसले के विरोध में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह ठीक है कि दोनों पक्ष शीर्ष न्यायालय की निगरानी में मध्यस्थता करने के लिए सहमत हो गए हैं। और हम भी यह फैसला स्वीकार करते हैं।’’
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिए शुक्रवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति गठित कर दी। इस समिति को आठ सप्ताह के भीतर मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी करनी है। अलगाववादियों और जमात ए इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर की गई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘‘दबाव के तरीके’’ अपनाने और लोगों केा जेल में डालने से कोई मुद्दा हल नहीं होता।