नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है। महबूबा ने केन्द्र की मोदी सरकार को सलाह दी है कि वो आतंकियों से बात करे। इतना ही नहीं, जेएनयू में देश द्रोही नारे लगाने के आरोप पर दाखिल की गई चार्जशीट को भी उन्होंने चुनावी स्टंट करार दिया है। वहीं घाटी में निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाबलों का खून बहाने वाले आतंकियों को महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर का भूमि पुत्र बताया है।
महबूबा ने आतंकियों और पाकिस्तान से बातचीत करने की सलाह ही नहीं दी जिस कन्हैया कुमार और उमर खालिद पर जेएनयू में देशद्रोही नारेबाज़ी करने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की गई है, महबूबा ने उसे भी मोदी सरकार का चुनावी स्टंट बता दिया है।
मुफ्ती ने कहा, ' 2014 के चुनाव से पहले इसी तरह कांग्रेस ने अफजल गुरु को फांसी दे दी थी। वह समझते थे कि उन्हें इसी तरह से कामयाबी मिलेगी। अब बीजेपी वही दोहरा रही है।' उन्होंने कहा, 'आज उन्होंने कन्हैया, उमर खालिद के अलावा जम्मू-कश्मीर के 7-8 छात्रों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है।'
महबूबा मुफ्ती का ये बयान उस वक्त आया है जब सोमवार को 1200 पेज की चार्जशीट दायर की गई है, जिसमें कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक उसके पास सबूत के तौर पर आरोपियों का वीडियो और कॉल रिकॉर्ड्स मौजूद हैं। जिनके खिलाफ सबूत हैं उनमें से 7 कश्मीर के हैं जो खासतौर पर अफजल गुरु की बरसी के लिए जेएनयू में आए थे।
महबूबा ने कहा कि हमने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था क्योंकि उनके पास जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर बात करने के लिए जनादेश था। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदीजी जनादेश होने के बावजूद वाजपेयी जी (पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी) के रास्ते पर नहीं चल सके।