जम्मू: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को भाजपा पर वोट हासिल करने और ‘‘विभाजनकारी राजनीति’’ करने के लिए कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को हथियार बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुसलमानों को इस बात के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी कि हिंदू बंधुओं की मर्यादापूर्ण वापसी हो। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े कुछ लोग दिल्ली में स्टूडियो में बैठकर इस समुदाय (कश्मीरी पंडितों) का प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं और विषवमन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग घाटी में पंडितों एवं मुसलमानों के बीच सहमति तक बात नहीं पहुंचने दे रहे हैं। मुफ्ती ने पार्टी मुख्यालय में कहा, ‘‘वे (कश्मीरी पंडित) इतने लंबे समय से अपने घरों से बाहर हैं और लौटना चाहते हैं लेकिन प्रश्न है कि यह कैसे हो। भाजपा ने जिस तरीके से इस मुद्दे को अपनाया है, वह दोनों समुदायों (पंडितों और मुसलमानों) को साथ लाने के बजाय उनके बीच और विभाजन पैदा करने जैसा है।’’
कश्मीरी पंडितों सहित पांच प्रतिनिधिमंडलों ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्मयंत्री से भेंट की और घाटी में हाल में चुनिंदा तरीके से की गयी हत्याओं की पृष्ठभूमि में अपने मुद्दे और चिंताएं उनके सामने रखीं। मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी मुसलमान पंडितों के पलायन से ‘‘नुकसान’’ में हैं और उन्हें उनकी वापसी सुनिश्चित करनी है, ऐसे में लोगों पर, खासकर नयी पीढ़ी पर यह जिम्मेदारी आती है कि एक-दूसरे के करीब आएं तथा 1990 में आंतकवाद उभरने से पहले के भाईचारे वाले माहौल को बनाने के लिए काम करें।
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों को एक सुर में अपनी बात रखने और उन निहित स्वार्थी तत्वों को खारिज करने की जरूरत है जो इस विभाजन को और बढ़ाने के लिए विषवमन कर रहे हैं। शायद हम (कश्मीर के मुसलमानों) को उनकी गरिमामय वापसी सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़े।’’ मुफ्ती ने कहा कि सरकार के पास ऐसी सूचना होती है कि पंडितों पर हमला हो सकता है, उसके बावजूद चुनिंदा हत्याएं हो रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनिंदा हत्याओं से घाटी में कार्यरत पंडित कर्मचारियों में असुरक्षा का बोध पैदा हुआ है और वे घबराकर घाटी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। चीजें इतनी गड़बड़ हो गयी हैं कि सरकार भ्रमित हो गयी है और यह इस बात से साबित होता है कि कभी वह ऐसे कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए कहती है तो कभी उन्हें (जम्मू में ही) बने रहने को कहती है।’’
(भाषा)