राज्यसभा में आज बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सहारनपुर में हिंसा का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में दलितों पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। मायावती के इस आरोप से सत्तारुढ़ दल के सदस्य बिगड़ गए और सदन में शोर शराब होने लगा। इस पर मायावती ने कहा कि अगर उन्हें बोलने नहीं दिया गया तो वह राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे देंगी।
नोंकझोंक के बीच मायावती ने सदन से वॉकआउट कर दिया। बहस के दौरान JDU के शरद यादव ने भी मायावती का समर्थन किया। जब मायावती सदन से वॉकआउट करने लगीं तब कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन मायावती ग़ुस्से में बाहर चली गईं।
मायावती ने सहारनपुर हिंसा का मामला उठाते हुए कहा कि पूरे देश में जहां पर भी बीजेपी की सरकार है वहां पर दलितों पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सहारनपुर की हिंसा साजिश की तहत की गई।
मायावती इस दौरान राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन पर भड़क गईं, उन्होंने कहा कि अगर मुझे यहां पर सवाल नहीं पूछने नहीं दिया जाएगा, तो वह इस्तीफा दे देंगी। इसके बाद कांग्रेस ने भी मायावती के समर्थन में सदन से वॉकआउट किया।
मायावती ने कहा कि मैं राज्यसभा से इस्तीफा दूंगी। उन्होंने कहा कि देशभर में दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है। मायावती ने सदन के बाहर कहा कि सहारनपुर में वह इजाजत लेने के बाद ही गई थी, पहले उन्होंने हेलिकॉप्टर से जाने की इजाजत मांगी लेकिन इजाजत नहीं दी गई थी. इसके बाद उन्हें सड़क से जाने के लिए कहा गया, वह वहां सड़क के रास्ते गई थी लेकिन हमें शब्बीरबुर जाने से रोका गया था।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भीड़ की हिंसा में लोगों के मारे जाने और मंदसौर में पुलिस फायरिंग में किसानों की मौत पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया। सोमवार को सत्र के पहले दिन की कार्यवाही दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित कर दी गई थी।
विपक्ष मॉब लिंचिंग, जीएसटी, चीन बॉर्डर, पाकिस्तान, किसान समेत कई मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की तैयारी में है. कांग्रेस, लेफ्ट समेत पूरा विपक्ष सरकार पर इन मुद्दों को लेकर हमलावर रहेगा।
दरअसल मायावती ने अचानक सहारनपुर का मसला उठा दिया और जब वह भाषण देने लगीं तभी उप सभापति ने बीच में टोककर उन्हें भाषण ख़त्म करने को कहा। इस पर मायावती नाराज़ हो गईं और उन्होंने इस्तीफ़े की धमकी दे दी।
ग़ौरतलब है कि पिछले 5 मई को सहारनपुर के थाना बडगांव के शब्बीरपुर गांव में दलित और राजपूत समुदाय के बीच हिंसा हुई थी। इस जातीय हिंसा के दौरान पुलिस चौकी और 20 वाहन आग के हवाले कर दिए गए थे। कई स्थानों पर पथराव और झड़प की घटनाएं भी हुई थी। इस घटना के एक दिन बाद दो पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया था।