लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि पिछले साल मई में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तारी के बाद पिछले दिनों रिहा किये गये ‘भीम आर्मी‘ के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण के साथ कोई नाता होने से इंकार कर दिया। मायावती ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘मैं देख रही हूं कि कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ में तो कुछ लोग अपने बचाव में और कुछ लोग खुद को नौजवान दिखाने के लिये कभी मेरे साथ भाई-बहन का तो कभी बुआ-भतीजे का रिश्ता जोड़ रहे हैं।’’ (2019 चुनाव को लेकर मायावती का बड़ा बयान, बीजेपी को रोकने के लिए गठबंधन के पक्ष में हूं )
उन्होंने कहा कि सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई हिंसा के मामले में अभी हाल में रिहा हुआ व्यक्ति (चंद्रशेखर उर्फ रावण) उनके साथ बुआ का नाता जोड़ रहा है। दरअसल, उनका कभी भी ऐसे लोगों के साथ कोई सम्मानजनक रिश्ता नहीं कायम हो सकता। अगर ऐसे लोग वाकई दलितों के हितैषी होते तो अपना संगठन बनाने की बजाए बसपा से जुड़ते।
मालूम हो कि मई 2017 में सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये ‘भीम आर्मी‘ के संस्थापक चंद्रशेखर को 14 सितम्बर को रिहा किया गया था। रिहाई के बाद उन्होंने कहा था कि मायावती उनकी बुआ हैं और उनका उनसे कोई विरोध नहीं है।