नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया है। ये जानकारी सतीश चंद्र मिश्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। सतीश चंद्र मिश्र ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि नसीमुद्दीन और उनके बेटे ने चुनाव में पैसे लिए थे। मिश्र ने कहा, नसीमुद्दीन बुलाने पर भी नहीं आए, उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। (ये हैं भारत की महिला राजनेता जो अपने ग्लैमरस लुक के लिये भी हैं मशहूर)
मिश्रा ने आरोप लगाया कि सिद्दीकी ने पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति बनाई और अवैध बूचड़खाने भी चला रहे थे। कुछ ही दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रीय महासचिव रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी से यूपी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेकर मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया था। यूपी में उनके पास पांच अन्य नेताओं के साथ सिर्फ लखनऊ मंडल के कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई थी।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद यूपी विधानसभा चुनाव में भी बसपा के लचर प्रदर्शन के बाद मायावती संगठन को नए सिरे से तैयार करने में जुटी हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने भाई आनंद को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया।
पार्टी से निष्कासित किए गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिनती बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। वह पार्टी के अल्पसंख्यक चेहरे थे और उन्हें मायावती का करीबी माना जाता था। नसीमुद्दीन के बेटे अफजल सिद्दीकी की ही देखरेख में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा का सोशल मीडिया अभियान चल रहा था।
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