लखनऊ: बीजेपी के ख़िलाफ़ 2019 आम चुनाव में विपक्षी दलों को एक जुट करने के राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के प्रयासों को आज तब झटका लगा जब बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि उसका कोई भी आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है और इसलिए ट्विटर के माध्यम से जारी किए गए 'पोस्टर' के संबंध में प्रकाशित और प्रसारित ख़बरें ग़लत हैं। बसपा के इस बयान से काफी हद तक ये यह स्पष्ट हो गया है कि मायावती 27 अगस्त को पटना में होने वाली विपक्ष की रैली में शामिल नहीं होंगी।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने एक बयान में कहा, "राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा 27 अगस्त को प्रस्तावित विपक्ष की रैली से संबंधित जिस पोस्टर के हवाले से आज (सोमवार) कुछ अख़बारों में ख़बर छपी है, वह सही नहीं है। बसपा का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है। हमारी पार्टी विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात देश के सामने रखने के लिए लगातार खास तौर से हिंदी में प्रेसनोट जारी करती रहती है ताकि विस्तार से अपनी बातें मीडिया व लोगों के सामने रख सके, जबकि ट्विटर में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।"
मायावती ने कहा, "विपक्षी एकता के जिस पोस्टर के हवाले से खबर बनाई गई है वह पहली नज़र में ही गलत व शरारतपूर्ण है। बसपा की नीति व सिद्धांत 'सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय' पर आधारित है और इसको ही मुख्य लक्ष्य रखकर हमेशा इसकी ही बात करती है, जबकि ट्विटर वाले पोस्टर में 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' को दर्शाया गया है, जो कि गलत है। इसके अलावा उस पोस्टर में और भी कई त्रुटियां हैं।"
उन्होंने कहा कि ऐसी खबरों के प्रकाशन व प्रसारण से पहले बसपा की आधिकारिक टिप्पणी अवश्य ही प्राप्त कर लेनी चाहिए थी।
बता दें कि मीडिया में आए इससे संबंधी समाचार में यह बताया गया है कि बहुजन समाजवादी पार्टी ने कथित आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर एक तस्वीर जारी की है, जिसमें मायावती के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी नजर आ रहे हैं। पार्टी ने विपक्ष की एकता के लिए जारी किए पोस्टर में मायावती और अखिलेश के अलावा राजद नेता लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ-साथ जद (यू) के बागी नेता शरद यादव भी तस्वीर में नजर आ रहे हैं।