Sunday, November 17, 2024
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मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस और NCP का हंगामा, कहा- मुस्लिम आरक्षण पर अपना रुख साफ करें सरकार

विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही बाधित की। दोनों पार्टियां राज्य में मराठा और धनगर (गड़रिया) समुदायों के लिए आरक्षण की सिफारिश से जुड़ी रिपोर्ट सदन के पटल पर तत्काल रखने की मांग कर रही थीं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 27, 2018 0:07 IST
Maratha reservation- India TV Hindi
Maratha reservation

मुंबई: विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही बाधित की। दोनों पार्टियां राज्य में मराठा और धनगर (गड़रिया) समुदायों के लिए आरक्षण की सिफारिश से जुड़ी रिपोर्ट सदन के पटल पर तत्काल रखने की मांग कर रही थीं। सदन को चार बार स्थगित करना पड़ा। पहले 10 मिनट के लिए, फिर प्रश्न काल के अंत तक और बाद में दो बार 15-15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। प्रश्न काल के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने सदन के बीचोंबीच आकर कुछ अनुपूरक मांगों को पारित किए जाने का विरोध किया। 

इससे पहले, विधानसभा के स्पीकर हरिभाऊ बागड़े ने जब प्रश्न काल की कार्यवाही शुरू की तो नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पूछा कि सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर सदन में चर्चा से क्यों भाग रही है। उन्होंने पूछा, ‘‘हम आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं। यदि हमें पता ही नहीं होगा कि रिपोर्ट में लिखा क्या है तो हम चर्चा क्या करेंगे।’’ महाराष्ट्र सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, मराठा समुदाय को ‘सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग’ (एसईबीसी) नाम की नई श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जाएगा।

विखे पाटिल ने कहा कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) ने भी धनगर समुदाय को आरक्षण दिए जाने संबंधी अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिमों के लिए आरक्षण को उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार मुस्लिमों के लिए आरक्षण पर अपना रुख साफ करे और मराठा एवं धनगर समुदाय के लिए आरक्षण संबंधी रिपोर्ट सदन में पेश करे ताकि उन पर चर्चा हो सके।’’ विखे पाटिल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सदन में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पेश करने की मांग को लेकर मराठा समुदाय को मुंबई में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे रही। एनसीपी नेता अजित पवार ने भी कांग्रेस नेता की मांग का समर्थन किया।

बहरहाल, राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने इस आरोप को खारिज किया कि सरकार मराठा संगठनों को विरोध प्रदर्शन करने से रोक रही है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ने सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग श्रेणी में मराठा समुदाय को आरक्षण देने की सिफारिश स्वीकार कर ली है। मंत्री ने कहा कि मौजूदा आरक्षण में कोई हेरफेर किए बगैर कानूनी एवं संवैधानिक ढांचे के दायरे में आरक्षण दिया जाएगा। मुस्लिमों के लिए आरक्षण पर उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और केरल में धर्म के आधार पर दिया गया आरक्षण अदालत में नहीं टिका।

उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिमों के सभी पिछड़े समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरक्षण दिया गया है। यदि और जातियों को जोड़ने की जरूरत है तो राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का रुख किया जाना चाहिए।’’ अजित पवार ने मंत्री की इस टिप्पणी पर विरोध जताया और कहा कि अदालत ने शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम आरक्षण स्वीकार किया है। भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा कि दोनों विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर ‘‘घड़ियाली आंसू’’ बहा रही हैं और उनका एकमात्र एजेंडा ‘‘समाज को बांटना’’ है। हंगामे के बीच सदन पहले 10 मिनट और बाद में प्रश्न काल के अंत तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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