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मुंबई: राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के गुरुवार की सुबह लॉन्च हुए झंडे पर बवाल शुरू हो गया है। सूबे में मराठा आंदोलन को खड़ा करने वाले मराठा क्रान्ति मोर्चा ने मनसे के झंडे में शिवाजी की राजमुद्रा के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है। मोर्चा का कहना है कि राजमुद्रा का राजनीतिक झंडे में इस्तेमाल आपत्तिजनक है क्योंकि यह सभी मराठाओं और शिवप्रेमियों की अस्मिता है। उसने कहा कि राज ठाकरे ने इसका इस्तमाल कर शिवप्रेमियों को ठेस पहुंचाया हैं और यदि मनसे ने अपने झंडे से राजमुद्रा को नहीं हटाया तो मोर्चा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
मनसे के झंडे पर राजमुद्रा का मतलब
राज ठाकरे ने आज अपने चाचा बाल ठाकरे की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए अपनी पार्टी का नया झंडा लॉन्च किया था। पार्टी के नए झंडे पर शिवाजी की राजमुद्रा अंकित है जिसका अनुवाद है, 'पूर्णिमा का चांद जैसे धीरे धीरे बड़ा होता जाता है वैसे ही स्वराज्य धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।। मैं शाहजी का पुत्र शिवाजी ये राज मुद्रा देश को अर्पित करता हूं।' राज ठाकरे ने इस मौके पर छत्रपति शिवाजी और वीर सावरकर सहित महाराष्ट्र के कई महापुरुषों की तस्वीरों पर माल्यार्पण किया था। ठाकरे के आज के संबोधन में हिंदुत्व शब्द पर काफी जोर था और माना जा रहा है कि वह अब इसपर अपनी राजनीति तेज करेंगे।
अमित ठाकरे की पॉलिटिक्स में एंट्री
राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने आज महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के महाधिवेशन में औपचारिक तौर पर राजनीति में कदम रख दिया। अमित ने अपने पिता की पार्टी मनसे की सदस्यता ग्रहण की है। एमएनएस नेता बाला नांदगांवकर ने राजनीति में अमित की एंट्री की घोषणा की। इस मौके पर अमित ठाकरे ने मंच पर पिता की मौजूदगी के बीच भाषण भी दिया। बता दें कि अमित ठाकरे अपने पिता राज ठाकरे के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे हैं लेकिन उन्होंने सक्रिय राजनीति से हमेशा दूरी बनाए रखी थी। हालांकि इधर उनकी राजनीतिक सक्रियता को देखकर लग रहा था कि वह कभी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।