पणजी: आरएसएस की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर ने आरोप लगाया है कि भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पर उनके खराब स्वास्थ्य के बावजूद पद पर बने रहने का दबाव बना रहा है ताकि पार्टी राज्य में सत्ता में बनी रहे। हालांकि, बीजेपी ने वेलिंगकर के आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है और उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
वेलिंगकर ने मांग की कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री की सेहत के बारे में जानकारी दे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वह (सरकार) लोगों को बेवकूफ बना रही है। पर्रिकर को पूर्ण आराम की जरूरत है। दुर्भाग्यवश, दिल्ली में भाजपा हाईकमान गोवा में सत्ता में काबिज रहना चाहता है इसलिए वह पर्रिकर को आराम नहीं करने दे रहे। ये लोग सत्ता के भूखे हैं।''
मंड्रम विधानसभा क्षेत्र में अपने समर्थकों की एक सभा को संबोधित करने के बाद वह संवाददाताओं से बात कर रहे थे। यहां के विधायक दयानंद सोप्ते इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके चलते यहां उपचुनाव होने वाला है। पर्रिकर की आलोचना करने वाले वेलिंगकर को आरएसएस की गोवा इकाई के प्रमुख के पद से वर्ष 2016 में हटा दिया गया था। बाद में उन्होंने गोवा सुरक्षा मंच के नाम से एक नए राजनीतिक दल का गठन किया। दल ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
वेलिंगकर ने कहा कि राज्य सरकार को पर्रिकर के स्वस्थ होने तक किसी और व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं महसूस करता हूं कि यह सरकार भंग होगी और गोवा विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होगा।'' वेलिंगकर ने कहा, ‘‘भाजपा अब विचारधारा वाली पार्टी नहीं रह गई है।''
भाजपा की गोवा इकाई के प्रमुख विनय तेंदुलकर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है कि पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए भाजपा हाईकमान मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और वह नवंबर से कामकाज संभाल लेंगे।''