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PM मोदी की किसानों से अपील, 2022 तक यूरिया के उपयोग को आधा करें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश के किसानों से एक खास अपील की...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 26, 2017 14:59 IST
Narendra Modi | PTI Photo- India TV Hindi
Narendra Modi | PTI Photo

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश के किसानों से एक खास अपील की। PM मोदी ने कहा कि यूरिया के उपयोग से जमीन को गंभीर नुकसान पहुंचता है, ऐसे में हमें संकल्प लेना चाहिए कि 2022 में देश जब आजादी के 75वीं वर्षगांठ मना रहा हो तब हम यूरिया के उपयोग को आधा कम कर दें। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हर प्रकार के वैज्ञानिक तरीक़ों से यह सिद्ध हो चुका है कि धरती-मां को आवश्यकता से अधिक यूरिया के उपयोग से गंभीर नुक़सान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि किसान तो धरती का पुत्र है, वह धरती-मां को बीमार कैसे देख सकता है?

‘…तो आएगा किसानों के जीवन में बदलाव’

उन्होंने कहा कि समय की मांग है, इस मां-बेटे के संबंधों को फिर से एक बार जागृत करने की। क्या हमारे किसान, हमारे धरती के पुत्र, हमारे धरती के संतान ये संकल्प कर सकते हैं कि आज वो अपने खेत में जितने यूरिया का उपयोग करते हैं, 2022 में जब आज़ादी के 75 साल होंगे, तब वह उसका आधा उपयोग बंद कर देंगे? मोदी ने कहा कि एक बार अगर मां-धरती का पुत्र, मेरा किसान भाई, ये संकल्प कर ले तो देखिए कि धरती-मां की सेहत सुधर जाएगी, उत्पादन बढ़ जाएगा। किसान की ज़िन्दगी में बदलाव आना शुरू हो जाएगा। विश्व मृदा दिवस का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस देश के किसान के जीवन में, दोनों ही बातों का महत्व रहा है- अपनी मिट्टी के प्रति भक्ति और साथ-साथ वैज्ञानिक-रूप से मिट्टी को सहेजना– संवारना। 

‘परंपरा से जुड़े रहते हैं देश के किसान’
PM मोदी ने कहा कि हम सबको इस बात का गर्व है कि हमारे देश के किसान परंपरा से भी जुड़े रहते हैं और आधुनिक विज्ञान की तरफ भी रूचि रखते हैं, प्रयास करते हैं, संकल्प करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे यह देख कर बहुत ख़ुशी होती है कि मेरे किसान भाई मृदा–स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सलाह पर अमल करने के लिए आगे आए हैं और जैसे-जैसे परिणाम मिल रहे हैं, उनका उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। अब किसान को भी लग रहा है कि अगर फसल की चिंता करनी है तो पहले धरती-माँ का ख्याल रखना होगा और अगर धरती-मां का ख्याल हम रखेंगे तो धरती-माँ, हम सब का ख्याल रखेंगी।

‘दीवाली के पहले सर्दी आ जाती थी लेकिन अब...’
मोदी ने कहा कि देश-भर में हमारे किसानों ने 10 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवा लिए हैं ताकि वे अपनी मिट्टी को बेहतर ढंग से समझ सकें और उसके अनुरुप, फसल भी बो सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन अब हम सब लोग अनुभव करने लगे हैं। वो भी एक वक़्त था कि दीवाली के पहले सर्दी आ जाती थी। अब दिसंबर दस्तक दे रहा है और सर्दी बहुत धीरे-धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है। लेकिन जैसे ही सर्दी शुरू हो जाती है, हम सब का अनुभव है कि रज़ाई से बाहर निकलना ज़रा अच्छा नहीं लगता है। लेकिन, ऐसे मौसम में भी सतत-जागरूक रहने वाले लोग कैसा परिणाम लाते हैं, और ये उदाहरण हम सब के लिए प्रेरणा देते हैं।

PM ने किया तुषार की जीवटता का जिक्र
उन्होंने कहा कि आपको भी सुन कर आश्चर्य होगा कि मध्यप्रदेश के एक 8 वर्षीय दिव्यांग बालक तुषार ने अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त कराने का बीड़ा उठा लिया। इतने व्यापक स्तर का काम और इतना छोटा बालक! लेकिन जज़्बा और संकल्प, उससे कई गुना बड़े थे, वृहद थे और ताक़तवर थे। 8 वर्षीय बालक बोल नहीं सकता लेकिन उसने सीटी को अपना हथियार बनाया और सुबह 5 बजे उठ कर, अपने गांव में घर-घर जा कर लोगों को सीटी से जगा करके, हाथ के माध्यम से अपने हाव-भाव से खुले में शौच न करने के लिए शिक्षा देने लगा। स्वच्छता अभियान और जागरूकता के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि हर दिन 30-40 घरों में जा करके स्वच्छता की सीख देने वाले इस बालक की बदौलत कुम्हारी गांव, खुले में शौच से मुक्त हो गया। स्वच्छता को बढ़ावा देने की दिशा में उस नन्हे बालक तुषार ने प्रेरक काम किया। इससे स्पष्ट है कि स्वच्छता की न कोई उम्र होती है, न कोई सीमा।

दिव्यांग खिलाड़ियों की उपलब्धियों को सराहा
उन्होंने कहा कि बच्चा हो या बुज़ुर्ग, महिला हो या पुरुष, स्वच्छता सभी के लिए ज़रुरी है और स्वच्छता के लिए हर किसी को कुछ-न-कुछ करने की भी ज़रुरत है। हमारे दिव्यांग भाई-बहन दृढ़-निश्चयी हैं, सामर्थ्यवान हैं , साहसिक और संकल्पवान हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर पल हमें कुछ-न-कुछ सीखने को मिलता है। आज वे हर-एक क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं। चाहे खेल का क्षेत्र हो, कोई प्रतिस्पर्धा का हो, कोई सामाजिक पहल हो, हमारे दिव्यांग-जन भी किसी से पीछे नहीं रहते हैं। आप सब को याद होगा हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने रियो ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 4 पदक जीते थे और नेत्रहीन टी-20 विश्व कप क्रिकेट में भी चैम्पियन बने थे। दिव्यांग जनों की प्रतिभा और लगन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देशभर में अलग-अलग तरह की प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। पिछले दिनों उदयपुर में 17वीं राष्ट्रीय पारा तैराकी प्रतियोगिता आयोजित हुई। देशभर के विभिन्न हिस्सों से आए हुए हमारे युवा दिव्यांग भाई-बहनों ने इसमें भाग लिया और अपने कौशल का परिचय दिया।

गुजरात के तैराक जिगर ठक्कर को दी शुभकामनाएं
उन्होंने कहा कि उन्हीं में से एक हैं गुजरात के 19 साल के जिगर ठक्कर, उनके शरीर के 80% हिस्से में मांसपेशी नहीं है लेकिन उनका साहस, संकल्प और उनकी मेहनत को देखिए! राष्ट्रीय पारा तैराकी प्रतियोगिता प्रतियोगिता में 19 साल के जिगर ठक्कर, जिसके शरीर में 80% मांसपेशी न हो और 11 मेडल जीत जाए। उनके इसी कौशल का परिणाम है कि वो भारत के भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा पारालम्पिक के लिए चुने गए। वे 32 पारा तैराकों में से एक हैं जिन्हें गुजरात के गांधी नगर में उत्कृष्टता में प्रशिक्षण दिया जाएगा। मोदी ने कहा ‘मैं युवा जिगर ठक्कर के जज़्बे को सलाम करता हूँ और उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।’ उन्होंने कहा कि आज दिव्यांगजनों के लिए पहुंच और अवसर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि देश का हर एक व्यक्ति सशक्त हो। एक समावेशी समाज का निर्माण हो। ‘सम’ और ‘मम’ के भाव से समाज में समरसता बढ़े और सब, एक साथ मिल करके आगे बढ़ें।

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