Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. प्रणब दा ने किया याद, जब एक बैठक से सनसनाती हुई बाहर चली गई थीं ममता बनर्जी

प्रणब दा ने किया याद, जब एक बैठक से सनसनाती हुई बाहर चली गई थीं ममता बनर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ममता बनर्जी को जन्मजात विद्रोही करार दिया और उन क्षणों को याद किया जब वह एक बैठक से सनसनाती हुई बाहर चली गई थीं...

Reported by: Bhasha
Updated on: October 17, 2017 22:00 IST
pranab mukherjee and mamata banerjee- India TV Hindi
pranab mukherjee and mamata banerjee

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ममता बनर्जी को जन्मजात विद्रोही करार दिया और उन क्षणों को याद किया जब वह एक बैठक से सनसनाती हुई बाहर चली गई थीं और वह खुद को कितना अपमानित और बेइज्जत महसूस कर रहे थे।

मुखर्जी ने अपने नई किताब द कोलिशन ईयर्स में उनके (ममता के) व्यक्तित्व की उस आभा का जिक्र किया है जिसका विवरण कर पाना मुश्किल और अनदेखी करना असंभव है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ममता ने निडर और आक्रामक रूप से अपना रास्ता बनाया और यह उनके खुद के संघर्ष का परिणाम था।

उन्होंने लिखा, ममता बनर्जी जन्मजात विद्रोही हैं। उनकी इस विशेषता को वर्ष 1992 में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के एक प्रकरण से बेहतर समझा जा सकता है, जिसमे वह हार गई थी।

प्रणब ने याद किया कि उन्होंने अचानक अपना दिमाग बदला और पार्टी इकाई में खुले चुनाव की मांग की। पूर्व राष्ट्रपति ने याद किया कि मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि बनर्जी समेत पश्चिम बंगाल कांग्रेस के शीर्ष नेता खुले चुनाव को टालना चाहते थे, क्योंकि इससे पार्टी की गुटबाजी का बदरंग चेहरा सामने आ सकता था, जिसके बाद प्रधानमंत्री और कांग्रेस प्रमुख पी वी नरसिम्हा राव ने उनसे मध्यस्थता करने और समाधान निकालने के लिए कहा।

उन्होंने कहा, उस साल सर्दियों के मौसम के एक दिन मैंने ममता बनर्जी से मुलाकात का अनुरोध किया ताकि संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया के बारे में उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर चर्चा की जा सके। उन्होंने किताब में कहा, चर्चा के दौरान अचानक ममता नाराज हो गईं और मुझ पर तथा अन्य नेताओं पर उनके ममता के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। अब उन्होंने संगठनात्मक चुनाव की मांग की और कहा कि वह हमेशा से चुनाव चाहती थीं ताकि संगठनात्मक मामलों में जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी अपनी राय रख सकें।

उन्होंने लिखा है कि ममता उन्हें और अन्य पर आरोप लगाती रहीं और संगठन के पद आपस में बांट लेने का आरोप लगाकर चुनाव प्रक्रिया को बर्बाद करने की बात कही। मुखर्जी ने लिखा कि ममता की इस प्रतिक्रिया से वह भौचक्के रह गए और उन्होंने कहा कि वह तो उनके और अन्य नेताओं के अनुरोध पर मामले का कोई समाधान निकालना चाहते थे। लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह उनके रूख से कतई सहमत नहीं हैं और खुले चुनाव चाहती हैं। इतना कहने के बाद वह तेजी से बैठक से चली गईं और मैं स्तब्ध था और खुद को अपमानित महसूस कर रहा था।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement