कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने असम में एनआरसी के खिलाफ उत्तरी कोलकाता में बृहस्पतिवार को एक रैली निकाली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को आगाह किया कि वह एनआरसी के नाम पर आग से नहीं खेले। साथ ही उन्होंने कहा कि वह राज्य में एनआरसी संबंधी प्रक्रिया कभी नहीं होने देंगी। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने भाजपा नेताओं को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के नाम पर पश्चिम बंगाल के एक भी नागरिक को छू कर दिखाने की चुनौती दी।
एनआरसी के विरोध में यहां निकाली गई रैली में उन्होंने कहा, “हम बंगाल में एनआरसी को कभी इजाजत नहीं देंगे। हम उन्हें धार्मिक एवं जातिगत आधार पर लोगों को बांटने की इजाजत नहीं देंगे। हम असम में एनआरसी को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल कर असम के लोगों को चुप कराया है लेकिन वे बंगाल को चुप नहीं करा सकते।” असम में एनआरसी लाए जाने के खिलाफ विरोध करने के लिए उन्होंने उत्तरी कोलकाता के सिंथी से श्यामबाजार तक निकाली गई विरोध रैली की अगुवाई की।
ममता ने कहा कि वे एनआरसी से सहमत नहीं हैं। ममता ने कहा कि जिस तरह असम में पुलिस के जरिये जबरन एनआरसी पर लोगों का मुंह बंद कराया गया वो काम आप यहां नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी बंगाल में एक व्यक्ति को भी एनआरसी के नाम पर टच करेगी तो हम उसे सबक सिखाएंगे।
एनआरसी की मुखर आलोचक तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा पर इस कदम के जरिए लोगों को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। पार्टी ने एनआरसी को अद्यतन किए जाने के खिलाफ राज्य के अन्य हिस्सों में सात और आठ सितंबर को रैलियां निकाली थी। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का प्रकाशन 31 अगस्त को हुआ। कुल 3. 29 करोड़ से ज्यादा आवेदकों में 19 लाख से ज्यादा लोग इस सूची से बाहर रह गए।