Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. बंगाल में मुहर्रम पर मूर्ति विसर्जन बैन, ममता बनर्जी की ये कैसी भक्ति?

बंगाल में मुहर्रम पर मूर्ति विसर्जन बैन, ममता बनर्जी की ये कैसी भक्ति?

क्या ममता बनर्जी के राज में हिंदुओं को अपने त्योहार अपने तरीके से मनाने की आज़ादी नहीं है? ये सवाल उठ रहा है उनके ताजा फैसले में जिसमें उन्होंने मुहर्रम की वजह से मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन पर एक दिन की पाबंदी लगा दी है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : August 24, 2017 18:33 IST
mamata banerjee
mamata banerjee

कोलकाता: क्या ममता बनर्जी के राज में हिंदुओं को अपने त्योहार अपने तरीके से मनाने की आज़ादी नहीं है? ये सवाल उठ रहा है उनके ताजा फैसले में जिसमें उन्होंने मुहर्रम की वजह से मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन पर एक दिन की पाबंदी लगा दी है। और ये पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने ऐसा फैसला लिया है। पिछले साल भी उन्होंने मुहर्रम पर मूर्ति विसर्जन नहीं होने दिया था। तो क्या ममता बनर्जी को सिर्फ मुसलमानों की फिक्र सता रही है?

आखिर ममता बनर्जी के फैसले में क्या है?

दशहरे के दिन...न ऐसा जश्न होगा...न सुहागिनों का सिंदूर खेला होगा...न ऐसे जुलूस निकलेंगे....न मां दुर्गा की मूर्तियां विसर्जित होंगी। पश्चिम बंगाल में ममता राज में हिंदुओं को पूरे 24 घंटे तक दुर्गा पूजा की मूर्ति विसर्जन की इजाजत नहीं होगी और इसकी वजह है मुहर्रम जिसमें मुसलमान मातम मनाते हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुसलमानों को रिझाने के लिए एक ऐसा फैसला लिया है जिस पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ममता ने आदेश दिया है कि पश्चिम बंगाल में विजयादशमी के अगले दिन यानी 1 अक्टूबर को मूर्तियों का विसर्जन विसर्जन बंद रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अगले दिन यानी 1 अक्टूबर को मुहर्रम पड़ रहा है। इसलिए मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन 2, 3 और 4 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा से पहले किया जा सकेगा।

ममता बनर्जी की 'मुसलमान' भक्ति!

पहले ये पाबंदी 30 घंटे की थी। दशहरे की शाम 6 बजे के बाद मूर्ति विसर्जन बैन कर दिया गया था लेकिन बाद में ममता बनर्जी ने कहा कि सिर्फ 1 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन बंद रहेगा, उस दिन पश्चिम बंगाल की सड़कों पर मुसलमान मुहर्रम पर मातम मनाएंगे। दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन हिंदू एक दिन छोड़कर यानी 2 अक्टूबर को ही कर सकेंगे यानी मुहर्रम के लिए ममता राज में पूरे 24 घंटे तक मूर्ति विसर्जन पर बैन रहेगा।

अब सवाल ये है कि क्या ममता बनर्जी ने मुसलमानों को खुश करके लिए ये फैसला लिया है? जब मुहर्रम का जुलूस निकल सकता है तो मूर्ति विसर्जन क्यों नहीं हो सकता? क्या ताजिया और विसर्जन के लिए अलग-अलग रूट तय नहीं किए जा सकते हैं? क्या ये ठीक नहीं होता कि एक तरफ मुहर्रम पर ताजिया निकलता और दूसरी तरफ मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के लिए टोलियां निकलतीं। सवाल ये भी है कि जब चार दिन का दुर्गा पूजा उत्सव विजयादशमी को यानी 30 सितंबर को खत्म हो जाएगा, तो मूर्ति विसर्जन के लिए लोग 2 अक्टूबर का इंतजार भला क्यों करें?

'...इसलिए किया विसर्जन बैन'

ममता बनर्जी ने इस फैसले के पीछे सांप्रदायिक तनाव से बचने की दलील दी उन्होंने इसे सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जरूरी बताया। ममता ने कहा, इस साल दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही समय में पड़ रहे हैं। हमें ये जरूर ध्यान रखना चाहिए कि मुहर्रम कोई उत्सव नहीं है यह हमारी जिम्मेदारी है। कुछ लोग हिंदू-मुस्लिम के आधार पर दिक्कत पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं। हर धर्म हमारा है लेकिन अगर किसी पूजा पंडाल के पास से गुजरते हुए जुलूस के चलते समस्या हो सकती है, तो इससे हम प्रभावित हो सकते हैं।

हाईकोर्ट की फटकार बेअसर?

बता दें कि ममता ने पिछले साल भी विसर्जन पर बैन लगाया था, पिछले साल भी मुहर्रम से एक दिन पहले दशमी थी। इस फैसले के खिलाफ कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका गई थी और कोर्ट ने 2016 में ममता बनर्जी सरकार को फटाकर लगाते हुए फैसले को मनमाना कहा था। कोर्ट ने कहा था कि यह सरकार की अल्पसंख्यकों को रिझाने की कोशिश है और ऐसे मनमाने फैसलों से असहिष्णुता पैदा होगी।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail