Highlights
- कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर ने मंगलवार को TMC का दामन थाम लिया था।
- ममता बनर्जी ने कहा कि वह जब 30 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र जाएंगी।
- ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दलों को भी कड़ा संघर्ष करना चाहिए।
नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को संकेत दिया कि वह अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विस्तार कार्यक्रम को जारी रखेंगी और इस सिलसिले में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और महाराष्ट्र का दौरा भी करेंगी। वहीं, कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं अशोक तंवर और कीर्ति आजाद के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के अगले दिन ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी इस दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की कोई योजना नहीं है।
‘हर बार हमें सोनिया गांधी से क्यों मिलना चाहिए?’
कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और कांग्रेस की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा, ‘इस बार मैंने मुलाकात के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री का समय मांगा था। सभी नेता पंजाब के चुनाव में व्यस्त हैं। काम पहले है, हर बार हमें सोनिया गांधी से क्यो मिलना चाहिए? यह संवैधानिक रूप से बाध्यकारी थोड़े ही है?’ उन्होंने कहा कि वह वाराणसी भी जाएंगी क्योंकि ‘कमलापति त्रिपाठी का परिवार अब हमारे साथ है।’
30 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र जाएंगी ममता
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परिवार के राजेशपति और ललितेशपति त्रिपाठी अक्टूबर में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब 30 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र जाएंगी तब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगी।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की
दिल्ली दौरे पर आईं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और राज्य में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मुद्दे को उठाते हुए इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘बीएसएफ को अधिक शक्तियां दिए जाने से कानून व व्यवस्था की स्थिति में परेशानी हो रही है और राज्य की पुलिस और बीएसएफ के बीच टकराव पैदा हो रहा है। हम बीएसएफ के खिलाफ नहीं हैं। बिना किसी कारण के देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है।’
‘राज्यों का विकास होगा तो केंद्र का भी विकास होगा’
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले वैश्विक उद्योग सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें यह भी कहा कि हमें 96,655 करोड़ रुपये केंद्र से मिलने हैं जो लंबित है। राज्य कैसे अपना काम करेंगे जब केंद्र उन्हें बकाया धनराशि नहीं देगा। हमारी विचारधाराएं अलग हो सकती हैं लेकिन इसकी वजह से केंद्र-राज्य संबंध प्रभावित नहीं होने चाहिए। राज्यों का विकास होगा तो केंद्र का भी विकास होगा।’
‘यदि अखिलेश हमारी मदद चाहते हैं तो हम मदद करेंगे’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने त्रिपुरा में हिंसा का मुद्दा भी उठाया, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हमले किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा, ‘यदि तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पराजित करने में मदद कर सकती है तो हम जाएंगे। यदि अखिलेश यादव हमारी मदद चाहते हैं तो हम मदद करेंगे।’
‘हमने गोवा और हरियाणा में शुरुआत की है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ने गोवा में शुरुआत की है और कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दलों को भी कड़ा संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमने गोवा और हरियाणा में शुरुआत की है। लेकिन मेरा मानना है कि कुछ स्थानों पर क्षेत्रीय दलों को लड़ना चाहिए। यदि वे चाहेंगे कि हम उनके लिए प्रचार करें तो हम करेंगे।’ (भाषा)