कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में लगातार तीसरे दिन बुधवार को रैली निकाली। तृणमूल प्रमुख ने अपने पार्टी सहयोगियों के साथ हावड़ा मैदान से प्रदर्शन मार्च शुरू किया जो कोलकाता के मध्य में स्थित एस्प्लेनेड में डोरिना क्रॉसिंग पर खत्म हुआ। मार्च शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमलोग बंगाल में कभी भी एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून की इजाजत नहीं देंगे। किसी को भी राज्य छोड़ने के लिए नहीं कहा जाएगा। हमलोग सभी धर्मों, जातियों और नस्लों के साथ मिलजुलकर रहने में यकीन करते हैं। हम सभी इस देश के नागरिक हैं और कोई भी हमें यहां से निकाल नहीं सकता।’’
इससे पहले ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंसा में शामिल लोगों का कपड़ों से पता चलने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति के राजनीतिक विचार उसके पहनावे से पता नहीं चल सकते। ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान नहीं दे पाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह सरकार एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून के जरिये करीब 10 लाख लोगों के अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में एक रैली में कहा था कि आग लगाने वालों का पता उनके कपड़ों से चल जाता है। पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा और आगजनी की घटनाओं को छिटपुट घटनाएं बताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद में भाजपा के पास संख्या बल है तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह राज्यों पर कानून लागू करने का दबाव बनाएगी।
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में राज्य भर में पिछले कई दिनों से विरोध हो रहा है और आंदोलनकारी विभिन्न इलाकों में रेलगाड़ियों, बसों, रेलवे स्टेशन के परिसरों में आग लगा रहे हैं। आंदोलन के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। ममता बनर्जी ने मंगलवार को नागरिकता कानून के विरोध में यादवपुर बस स्टैंड से भवानीपुर स्थित जादूबाबू बाजार तक करीब 6.5 किमी तक रैली का नेतृत्व किया।