नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है और अब जिस राज्य के विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है वह राज्य है पश्चिम बंगाल। लोकसभा चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी का दमदार प्रदर्शन रहा था और उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी। मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल को लेकर क्या तैयारी है और तृणमूल कांग्रेस से उन्हें किस तरह की चुनौती मिल रही है? इस तरह के तमाम सवाल हमने भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से पूछे और उन्होंने उन सवालों के जवाब भी दिए।
'हिंसक हो गई है ममता जी की पार्टी'
कैलाश विजयवर्गीय ने इंडिया टीवी को बताया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते काम को देखते हुए ममता बनर्जी की पार्टी हिंसक हो गई है। उन्होंने कहा, "केंद्र की योजनाएं आम जनता तक नहीं पहुंच पा रही है, उसमें भी कमिशन लिया जा रहा है। लोगों में ममता जी के प्रति बहुत आक्रोश है, इसलिए भाजपा का काम बढ़ रहा है और जैसे काम बढ़ रहा है वैसे ममता जी की पार्टी हिंसक होती जा रही है, अबतक हमारे सवा सौ कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है, कल भी हमारे एक कार्यकर्ता की हत्या हुई है। इसीलिए कल प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, जनता इसे कभी पसंद नहीं करती। प्रधानमंत्री जी ने साफ शब्दों में कहा कि दिवारों पर लिखा हुआ है कि इस तरह की राजनीति जनता पसंद नहीं करती।"पढ़ें- 'अब ममता और उनके मंत्री लगा रहे हैं जय श्रीराम के नारे, पहले इंशा अल्लाह ही निकलता था'
बंगाल में खड़ा हुआ भाजपा का संगठन!
भाजपा जीत के लिए इतनी आश्वस्त क्यों है के सवाल पर, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "मैं पिछले 6 वर्षों से बंगाल के एक एक जिले में गया हूं और वहां संगठन की रचना की है, मंडल में शक्ति केंद्र में लगभग 78000 पोलिंग बूथ है, 54000 पोलिंग बूध पर हमारी टीम बन चुकी है और आने वाले समय में हर पोलिंग बूध पर टीम बनाने का लक्ष्य है। हमारा संघटन का पैनिट्रेशन नीचे तक हो गया है और इसीलिए ममता जी को घबराहट हो रही है और इसीलिए वे हिंसक होती जा रही हैं।"
'ममता की सभाओं में नहीं आ रही भीड़'
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि तानाशाही की राजनीति हमारे देश में बिल्कुल स्थान नहीं रखती, जनता को इसीलिए अब नफरत सी हो रही ममता जी से, ममता जी ने हाल में कई सभाएं की लेकिन भीड़ नहीं आई, हमारी सभाओं में भारी संख्या में भीड़ जुट रही है। उनकी पार्टी में बहुत संख्या में लोग पार्टी छोड़ना चाहते हैं।
क्या टीएमसी के कई नेता भाजपा के संपर्क में?
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "ममता जी अपने भतीजे को स्थापित करना चाहती हैं और वे इस लायक नहीं हैं कि वे नेता बन सकें। इसलिए अपनी पार्टी के बड़े बड़े नेताओं को उन्होंने इग्नोर करना शुरू कर दिया। उनकी पार्टी के बड़े नेता घुटन महसूस कर रहे हैं, मुझे लगता है कि पार्टी में बड़ी टूट होगी और उसमें जो अच्छे लोग होंगे और आना चाहेंगे तो हम विचार कर सकते हैं, लेकिन अभी किसी से बात नहीं चल रही।" उन्होने कहा कि हमारे पास बंगाल में देने के लिए कोई प्रलोभन नहीं है, देने के लिए उनके पास है, सत्ता है गुंडे हैं, नौकशाही का अपराधीकरण हो गया है। हमारे रोज कार्यकर्ताओं को एक एक करते खोते जा रहे हैं।
200 से ज्यादा सीटें जीतने की बात करने का आधार क्या है?
इस सवाल के जवाब में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जितने भी चैनल और पत्रकार हैं, कोई हमारी बात नहीं मानता था और कहते थे कि लोकसभा चुनाव में 6-7 सीटें जीतेंगे लेकिन हम 18 सीट पर जीत गए। हमारी 4 सीटों पर हम बहुत कम मार्जिन से हारे, हमारी ताकत वहां पर उस समय से और अब बढ़ी है। इसलिए हमारा कॉन्फिडेंस तो बढ़ा है साथ में जनता का भी कॉन्फिडेंस बढ़ा है कि टीएमसी को भाजपा हरा सकती है।
'विघटन की राजनीति करती हैं ममता'
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "ममता जी ने मोहर्रम के जलूस के लिए दुर्गा पूजा का विसर्जन रोक दिया था। क्या ये विघटन वाली राजनीति नहीं थी, प्रशासन की कमजोरी नहीं है। मेरे जैसा कोई व्यक्ति होता तो कहता कि मोहर्रम का जलूस निकालो और विसर्जन भी करो, देखता हूं किसकी मां ने दूध पिया है जो कानून व्यवस्था बिगाड़े, लेकिन मुस्लिमों को खुश करने के लिए मोहर्रम का जलूस चलने दिया और दुर्गा पूजा को रोका। कौन विभाजनकारी राजनीत कर रहा है, क्या हम कर रहे हैं।"