नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धऱना तीसरे दिन भी जारी है और अब ममता को विपक्ष के नेताओं का समर्थन भी मिलता जा रहा है। सोमवार को डीएमके और आरजेडी के नेता ममता से मिलने पहुंचे। ममता का धरना अब मोदी के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों का मंच बन गया है। एक के बाद एक मोदी विरोधी नेताओं के ममता बनर्जी से मिलने के लिए आने का सिलसिला जारी है और जो नेता मिलने नहीं आ रहे हैं वो बयान जारी कर ममता का समर्थन कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए इस समर्थन को भ्रष्टों का गठबंधन करार दिया है।
पश्चिम बंगाल में चल रहे घटनाक्रम की गूंज संसद में भी सुनाई दी, जहां कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा नीत सरकार द्वारा सीबीआई के कथित दुरूपयोग को लेकर तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य दलों ने केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। इस मुद्दे पर ममता के सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने के अपने चिर परिचित अंदाज में फिर से दिखने पर आम चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियां भी लामबंद हो रही हैं। दरअसल, विपक्षी दल लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, ममता ने धरना स्थल पर ही अपनी कैबिनेट की बैठक की और वहां पुलिस वीरता पुरस्कार भी दिए। ममता ने कहा, ‘‘यह सत्याग्रह है और मैं देश को बचाने, संविधान को बचाने तक इसे जारी रखूंगी।’’ इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि 22 पार्टियों ने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। ब्रायन ने ममता को एक ऐसे नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की, जो सीबीआई के कथित दुरूपयोग के खिलाफ समूचे विपक्ष को एकजुट करने में सफल रही हैं।
ब्रायन ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, राजद के तेजस्वी यादव, द्रमुक की कनीमोई ने प्रदर्शन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ममता को अपनी पार्टी का समर्थन दिया है। इस बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव और द्रमुक सांसद कनीमोई सोमवार को कोलकाता में ममता के धरना स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के प्रति एकजुटता जाहिर की और उनका समर्थन किया है। समाजवादी पार्टी के नेता किरणमय नंदा भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंच चुके हैं।
वहीं, ममता को विपक्षी दलों से मिल रहे समर्थन की भाजपा ने आलोचना करते हुए कहा कि करोड़ों रूपये के सारदा घोटाले में कोलकाता पुलिस प्रमुख से सवाल करने के सीबीआई के कदम के खिलाफ उनके (ममता के) प्रदर्शन के बाद भ्रष्टों का गठबंधन उभर रहा है। भाजपा ने इस मुद्दे पर जवाबी हमला करने के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को भी उतार दिया। केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस में हैरानी जताते हुए कहा कि क्या ममता ने पुलिस आयुक्त का इसलिए समर्थन किया है कि उनके पास गोपनीय जानकारी है और उन्हें बचाने की जरूरत है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के घटनाक्रम को अभूतपूर्व करार दिया और चेतावनी दी कि केंद्र के पास कार्रवाई करने की शक्तियां हैं। पश्चिम बंगाल के घटनाक्रम को लेकर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में इन लोगों को हराने की जरूरत है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि देश मोदी-शाह की जोड़ी से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है क्योंकि वे लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं।