जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद राजनीतिक आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुले तौर पर इस बिल का विरोध किया है। ममता का मानना है कि बीजेपी ने इस मामले में मनमर्जी की है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को सभी राजनीतिक पार्टियों और कश्मीरियों से बातचीत करनी चाहिए थी।
ममता बनर्जी ने इस मामले पर बोलते हुए कहा कि यदि आप स्थाई समाधान चाहते हैं तो आपको सभी पक्षकारों से बातचीत करनी होगी। ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम इस बिल का किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं करते हैं। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी इस बिल के लिए वोट नहीं करेगी।
उमर-महबूबा को छोड़ने की अपील
ममता बनर्जी ने जम्मू कश्मीर के शीर्ष नेताओं की नज़रबंदी पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बारे में कोई खबर नहीं है। मैं सरकार से अपील करती हूं कि उन्हें अलग थलग होने का अनुभव न कराएं। वे आतंकवाी नहीं हैं। उन्हें लोकतांत्रिक संस्थानों के हित में रिहा किया जाना चाहिए।