सागरदिघी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बार फिर AIMIM पर हमला बोलते हुए कहा कि हैदराबाद से नोटों के बैग भरकर यहां आ रहे और मुसलमानों का हमदर्द होने का दावा करने वाले नेता भाजपा के सबसे बड़े जिगरी दोस्त और उसके एजेंट हैं। मुसलमानों के तुष्टिकरण और उन्हें वोट बैंक समझने के आरोपों का सामना करने वाली बनर्जी ने समुदाय से राज्य के बाहर से आने वाले नेताओं पर विश्वास ना करने को कहा।
तृणमूल प्रमुख ने कहा कि मुसलमानों को केवल राज्य के नेताओं पर विश्वास करना चाहिए क्योंकि केवल वे ही पश्चिम बंगाल के लोगों के हित के लिए लड़ सकते हैं। बनर्जी ने मुर्शिदाबाद के सागरदिघी में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान तंज कसते हुए कहा, ‘‘ उन नेताओं पर विश्वास ना करें जो बाहर से आते हैं और खुद को आपका (अल्पसंख्यकों का) हमदर्द दिखाने की कोशिश करते हैं। केवल बंगाल के नेता ही आपके हित के लिए लड़ सकते हैं। हैदराबाद से नोटों से भरे बैग लेकर आने वाले नेता और खुद को मुसलमानों का हमदर्द बताने वाले भाजपा के सबसे बड़े जिगरी दोस्त हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे (हैदराबाद से आने वाले नेता) मुस्लिमों के हितों की कभी रक्षा नहीं कर सकते क्योंकि वे भाजपा के एजेंट हैं।’’ एआईएमआईएम पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं धर्म के नाम पर राजनीति करने में विश्वास नहीं रखती। लेकिन कुछ लोग हैदराबाद से आ रहे हैं और माहौल खराब कर रहे हैं।’’
इसके बाद बरहामपुर में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए बनर्जी ने पुलिस को हैदराबाद से आने वाले लोगों के प्रति अधिक सतर्क रहने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस को मुर्शिदाबाद आकर इधर-उधर बैठकें कर रहे लोगों के प्रति अधिक सक्रिय एवं सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ स्कूलों और मदरसों पर भी नजर रखें।’’
‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (AIMIM) के राज्य प्रमुख जमीरुल हसन ने बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हमारी पार्टी की राज्य में पकड़ मजबूत होती देख बनर्जी अपना आपा खो बैठी हैं। हसन ने कहा, ‘‘ हमारी पार्टी (एआईएमआईएम) की मुसलमानों और दलितों पर पकड़ मजबूत होने के कारण, वह अपना आपा खो बैठी हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एआईएमआईएम राज्य में 2021 के विधानसभा चुनाव लड़ेगी।’’
गौरतलब है कि कूचबिहार में सोमवार को एक कार्यक्रम में ममता ने इशारों ही इशारों में ओवैसी पर निशाना साधते हुए लोगों से हैदराबाद से आने वाले "अल्पसंख्यक चरमपंथियों" की बातों में नहीं आने के लिये कहा था। ममता के इस बयान पर पलटवार करते हुए औवेसी ने कहा, ‘‘ तृणमूल प्रमुख के राज्य में विकास सूचकांक पर मुसलमानों की हालत सबसे खराब है।’’