मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने आज कहा कि मराठा आरक्षण की मंजूरी देने के लिए उनकी मंत्रिमंडलीय सहयोगी पंकजा मुंडे को कम से कम एक घंटे के लिए राज्य की मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए। ग्रामीण विकास मंत्री मुंडे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर फडणवीस पर परोक्ष हमला बोलते हुए हाल में कहा था कि अगर वह राज्य की मुख्यमंत्री होतीं तो इस मुद्दे पर फैसला करने में देरी नहीं करतीं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा है कि मुंडे के बयान का दूसरा अर्थ यह लगाया जा सकता है कि सरकार मराठा आरक्षण की फाइल को लटकाए रखना चाहती है। संपादकीय में कहा गया है, “अगर पंकजा मुंडे बिना किसी दिक्कत के मराठा आरक्षण पर निर्णय कर सकती हैं तो सर्वसम्मति से उन्हें कम-से-कम एक घंटे के लिए मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए।”
इसमें सवाल किया गया है, “पंकजा मुंडे की भूमिका को समझना होगा। अगर कोई यह समझ रहा है कि इस मुद्दे पर वह राजनीति कर रही हैं तो यह गलत है। अगर वह प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप का आग्रह कर सकती हैं तो फडणवीस ऐसा करने के लिए दिल्ली क्यों नहीं जा सकते हैं।”
पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह प्राय: दिल्ली में नहीं होते हैं और देश के मामलों में उनकी कोई रुचि नहीं रह गयी है। शिवसेना ने कहा कि आंदोलन को कुचल देना ही सरकार की नीति है।