नयी दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इसे बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान किया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से लोकतंत्र कमजोर होता है। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि संसद ने नयी सरकार के गठन के बाद पहले सात महीनों में कई ऐतिहासिक कानून पारित कर रिकॉर्ड बनाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस दशक को भारत का दशक बनाने के लिए मजबूत कदम उठा रही है। सीएए सहित विभिन्न मुद्दों पर देश में चल रहे प्रदर्शनों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से लोकतंत्र कमजोर होता है।
उन्होंने कहा कि देश के लोग खुश हैं कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को सात दशक बाद देश के बाकी हिस्सों के बराबर अधिकार मिले। कोविंद ने संशोधित नागरिकता कानून को ऐतिहासिक करार देते हुए इसकी सराहना की। हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करते हुए इसका कड़ा विरोध किया।
इस अवसर पर सदन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं अन्य केन्द्रीय मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, विभिन्न विपक्षी नेता तथा सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सांसद मौजूद थे।