Monday, December 23, 2024
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महाराष्ट्र: सरकार बनाने में शिवसेना के साथ फंसा पेंच, भाजपा की बैठक बुधवार को

इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन कर क्रमश: 164 और 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था। घोषित परिणाम के अनुसार, भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं।

Reported by: IANS
Updated : October 26, 2019 23:32 IST
BJP Shiv Sena
Image Source : PTI महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं।

नई दिल्ली| महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना के साथ पेच फंसने पर भाजपा ने अब जरा देरी से, 30 अक्टूबर को विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि अगर नतीजों के तुरंत बाद सरकार में पदों को लेकर शिवसेना से बातचीत सहमति तक पहुंच जाती तो हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में भी शनिवार को ही विधायक दल की बैठक कर रविवार तक शपथ ग्रहण समारोह हो जाता। मगर भाजपा और शिवसेना के बीच 'ढाई-ढाई मुख्यमंत्री' के फॉर्मूले पर सहमति न बन पाने के कारण भाजपा को चुनाव के नतीजे आने के छह दिन बाद विधायक दल की बैठक बुलाने को मजबूर होना पड़ा है।

भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को मीडिया को बताया कि पार्टी ने 30 अक्टूबर को विधान भवन में विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें सभी 105 नव निर्वाचित विधायक अपना नेता चुनेंगे। उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर को नतीजे आने के दिन भाजपा के नई दिल्ली मुख्यालय में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में देवेंद्र फड़णवीस के नाम पर मुहर लग चुकी है, इसलिए बुधवार को होने वाली बैठक में उनका नेता चुना जाना तय है।

इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन कर क्रमश: 164 और 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था। घोषित परिणाम के अनुसार, भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा को इस बार 17 सीटें कम मिली हैं, जबकि शिवसेना को सात सीटों का नुकसान हुआ है। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 145 है, ऐसे में शिवसेना से मदद लिए बिना भाजपा के लिए सरकार बनाना मुश्किल है।

भाजपा की कम सीटें आने के बाद उसकी शिवसेना पर निर्भरता को देखते हुए शिवसेना आक्रामक होकर मोल-भाव पर उतर आई है। उसका कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान 50-50 का फॉर्मूला तय हुआ था, ऐसे में ढाई साल भाजपा का और ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री बनना चाहिए। भाजपा इस फॉर्मूले पर सहमत नहीं है। यही वजह है कि भाजपा राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने में देरी कर रही है। भाजपा सूत्र बताते हैं कि विधानमंडल दल की बैठक इसलिए 30 अक्टूबर को रखी गई है, ताकि इस बीच शिवसेना से बातचीत कर फॉर्मूले पर फंसे पेच को सुलझाने का वक्त मिल जाए।

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