Monday, December 23, 2024
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'दिल्ली की मातोश्री' से कंट्रोल होगी शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार: देवेंद्र फडणवीस

ठाकरे द्वारा किसान ऋण योजना की घोषणा पर फडणवीस ने कहा, ‘‘ यह आंख में धूल झोकनें के अलावा कुछ नहीं है। इसमें कई शर्तें लगा दी गई हैं, नतीजतन राज्य के करीब 60 लाख किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।’’

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 01, 2020 19:44 IST
Maharashtra Devendra Fadnavis
Image Source : TWITTER महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस

पालघर। नए साल के पहले ही दिन भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर बड़ा निशाना साधा है। फडणवीस ने ठाकरे पर विश्वासघात का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार (ठाकरे के मुंबई के आवास) ‘मातोश्री’ से नियंत्रित नहीं होगी बल्कि ‘दिल्ली के मातोश्री’ से नियंत्रित होगी। 

दरअसल देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को पालघर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्थानीय मतदाताओं से  आगामी पालघर जिला परिषद चुनाव में करारा जवाब देने को कहा। ठाकरे द्वारा किसान ऋण योजना की घोषणा पर फडणवीस ने कहा, ‘‘ यह आंख में धूल झोकनें के अलावा कुछ नहीं है। इसमें कई शर्तें लगा दी गई हैं, नतीजतन राज्य के करीब 60 लाख किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।’’

फडणवीस ने कहा कि जब शिवसेना से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब आपने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलाया था तब आपने मोदी से पूछा था? कोई शक नहीं, मोदीजी आपकी मदद करेंगे, लेकिन याद रखिए किसान और नागरिक आपके (शिवसेना के) राजनीतिक वजूद को खत्म कर देंगे और आपको दरवाजा दिखा देंगे।’’

भाजपा नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिवसेना ने हिन्दुत्व के विचारक वीडी सावरकर को ‘अपशब्द’ कहने वालों के साथ समझौता किया है। उन्होंने पूछा कि ‘अंदरूनी कलह’ के बीच ठाकरे नीत सरकार कितने दिन चलेगी? फडणवीस ने आरोप लगाया कि शिवसेना ने न सिर्फ जनादेश के साथ ‘विश्वासघात’ किया बल्कि चुनाव पूर्व सहयोगी भाजपा के साथ भी विश्वासघात किया है। दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव गठबंधन करके लड़ा था।

उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था उसमें से 70 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं शिवसेना ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था उसमें से उसने सिर्फ 45 प्रतिशत ही सीटें जीतीं। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘नागरिकों ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया था, लेकिन राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाने वाली शिवसेना के विश्वासघात के कारण भाजपा सत्ता से बाहर हो गई।’’

भाजपा के साथ ‘विश्वासघात’ को लेकर मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा कि पहले दिन से (शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ सरकार का गठन किया) ये तीनों पार्टियां अपने मंत्रियों का नाम तय नहीं कर सकी। उन्होंने कहा, ‘‘ यही नहीं, मंत्रियों का चयन के बाद, शिवसेना नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। वहीं कांग्रेस के तो कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में उत्पात मचाया और तोड़फोड़ की।’’ गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे के कुछ समर्थकों ने मंगलवार को पुणे में पार्टी के दफ्तर पर हमला कर दिया था। वे महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में थोपटे को शामिल नहीं करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

(इनपुट- भाषा)

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