मुम्बई: महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव हिंसा से शुरू हुआ विवाद अभी जल्दी थमता नहीं दिख रहा है। जहां एक तरफ दलित संगठन इस हिंसा के मुख्य आरोपी संभाजी भिड़े की गिरफ्तारी की मांग कर रह हैं तो वहीं अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के सामने आकर साफ कर दिया है कि इस हिंसा में भिड़े के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। कुछ दिन पहले ही दलित संगठनों में पूरे महाराष्ट्र में भिड़े की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया था वहीं बुधवार यानि आज भिड़े के समर्थक मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएम फडणवीस ने राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को लेकर विधानसभा में एक चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि ना तो भिड़े और ना ही उनके सहयोगियों ने पिछले छह महीनों में क्षेत्र का कोई दौरा किया। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही( हिंसा के) समय भिड़े किसी के साथ फोन पर बातचीत भी नहीं कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ एक महिला ने दावा किया था कि उसने संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे( हिंदू एकता परिषद नेता) को भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़काते देखा। यद्यपि जांच में भिड़े के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं आया।’’ महिला ने बाद में बयान दिया कि उसने कभी भी भिड़े या एकबोटे को नहीं देखा लेकिन लोगों द्वारा उनका नाम उल्लेखित करना सुना। जहां एक तरफ सरकरा संभाजी भिड़े को क्लीन चिट देती दिख रही है तो वहीं डॉ अंबेडकर के पड़पोते प्रकाश अंबेडकर ने सरकार को एक हफ्ते का आल्टीमेटम दिया है।