नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी गतिरोध जारी है। सभी की निगाहें अब कांग्रेस और एनसीपी की तरफ लगी हुईं हैं कि क्या वो हिंदुत्वादी विचारधारा वाली पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देंगे या नहीं। इस बीच महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी बयान दिया है।
उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने का विचार बना रही है तो उसे फिर अगले 5 सालों तक शिवसेना को परेशान नहीं करना चाहिए। तभी लोग कांग्रेस पर विश्वास कर सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि बालासाहेब ने महाराष्ट्र में भाजपा को जगह दी। आडवाणी और वाजपेयी ने बालासाहेब के निवास पर जाकर उनसे भाजपा के लिए सीटों का निवेदन किया। भाजपा ने उसे उलट दिया है, इसीलिए उद्धव ठाकरे ने भाजपा को सबक सिखाने के लिए ये फैसला लिया है। अब कांग्रेस और एनसीपी को भाजपा को हटा देना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में पवार से की मुलाकातमुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन पर गतिरोध के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना प्रमुख अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ गए थे। उन्होंने पवार से किसी गुप्त स्थान पर मुलाकात की।
कांग्रेस और राकांपा अपने-अपने पार्टी स्तर पर बातचीत कर रहे हैं कि क्या राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया जाए। दोनों पार्टियां पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि जो भी फैसला होगा, वे मिलकर ही लेंगी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए सोमवार शाम को साढ़े सात बजे बुलाया है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास 56 सीटें हैं। कोश्यारी ने शिवसेना को तब आमंत्रित किया जब 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा ने राज्य में सरकार गठन के लिए दावा पेश न करने का फैसला किया।