नई दिल्ली: शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे का नाम मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में शामिल नहीं होने के बाद अब पार्टी ने सुभाष देसाई और एकनाथ शिंदे के नामों का प्रस्ताव रखा है लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने उन्हें खारिज कर दिया और जोर देकर कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शीर्ष पद पर काबिज हों। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि उन्हें एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो महाराष्ट्र के अलावा भी राजनीति में लाभकारी सिद्ध हो और उद्धव ठाकरे मराठी सम्मान के लिए दिल्ली की केंद्र सरकार के खिलाफ खड़े हो सकते हैं।
सत्ता के फार्मूले के अनुसार मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री के पद के अलावा शिवसेना के 15, एनसीपी के 15 और कांग्रेस के 12 मंत्री होंगे। विधानसभा अध्यक्ष का पद एनसीपी देना नहीं चाहती लेकिन कांग्रेस को यह पद अपने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के लिए चाहिए। इसके लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने तर्क दिया कि उन्हें ऐसा विधानसभा अध्यक्ष नहीं चाहिए जिसे बार-बार पार्टी आलाकमान से इजाजत लेनी पड़े।
बता दें कि कल देर रात उद्धव ठाकरे बेटे आदित्य ठाकरे और संजय राउत के साथ शरद पवार के घर सिल्वर ओक पहुंचे और करीब सवा घंटे तक बातचीत की और आधी रात के बाद तीनों शरद पवार के घर से बाहर निकले। बाहर निकलने के बाद शिवसेना नेताओं ने मी़डिया से तो कोई बात नहीं की लेकिन जो ख़बरें छनकर बाहर आ रही हैं उसके मुताबिक महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर दिल्ली से मुंबई और पुणे में हुई बातचीत को शेयर किया गया और सरकार का स्वरूप कैसा होगा किस पार्टी के हिस्से क्या जिम्मेदारी शेयर की जाएगी, इन सब बातों पर बातचीत हुई।
आज भी बैठकों का दौरा जारी रहेगा। मातोश्री पर शिवसेना विधायकों की बहुप्रतिक्षित आधार कार्ड वाली बैठक होने वाली है तो कांग्रेस भी अपने विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक करेगी। इसके अलावा कांग्रेस-शिवसेना और एनसीपी की भी आज सरकार ऐलान से पहले एक आखिरी बैठक हो सकती है।
(Input IANS)