मुंबई। शिवसेना के आक्रामक तेवरों से गठबंधन सरकार के किसी भी प्रयास के परवान नहीं चढ़ने के बीच देवेंद्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। फड़णवीस (49) ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा सौंपा जिन्होंने वैकल्पिक इंतजाम होने तक उनसे “कार्यवाहक मुख्यमंत्री” बने रहने को कहा है।
शिवसेना ने साधा फडणवीस पर निशाना
वहीं शिवसेना ने इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री को मीडिया से बातचीत करते हुए देख चिंता हो रही है। वहीं पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि अगर देवेंद्र फड़णवीस विश्वस्त हैं कि भाजपा राज्य में दोबारा सरकार बनाएगी तो उन्हें हमारी “शुभकामनाएं” हैं।
लग सकता है राष्ट्रपति शासन!
राज्य में 21 अक्टूबर को हुए चुनावों के नतीजे आने के एक पखवाड़े बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद फड़णवीस ने संवाददाताओं से कहा, “वैकल्पिक व्यवस्था कुछ भी हो सकती है, वो नयी सरकार हो सकती है या राष्ट्रपति शासन लगना भी हो सकती है।”
फडणवीस ने शिवसेना पर साधा निशाना
फडणवीस ने कहा, “राज्यपाल ने मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। मैं पांच सालों तक सेवा करने का मौका देने के लिये महाराष्ट्र के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं।” फड़णवीस ने विधानसभा चुनावों के बाद सरकार गठन में गतिरोध को लेकर सहयोगी शिवसेना पर निशाना साधा।
फडणवीस ने शिवसेना के दावों को किया खारिज
शिवसेना के दावों को खारिज करते हुए फड़णवीस ने कहा कि “उनकी मौजूदगी में” कोई फैसला नहीं लिया गया कि दोनों दल मुख्यमंत्री पद साझा करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह कभी तय नहीं किया गया कि मुख्यमंत्री पद साझा किया जाएगा। इस मुद्दे पर कभी फैसला नहीं लिया गया। यहां तक की अमित शाह जी और नितिन गडकरी जी ने कहा कि यह फैसला कभी नहीं लिया गया था।”
शिवसेना प्रमुख ने नहीं उठाया मेरा फोन- देवेंद्र
शिवसेना ने दावा किया था कि लोकसभा चुनावों से पहले दोनों गठबंधन सहयोगियों में अगले कार्यकाल में मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल के लिये साझा करने की सहमति बनी थी। फडणवीस ने कहा कि उन्होंने गतिरोध तोड़ने के लिये शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया लेकिन “उद्धव जी ने मेरा फोन नहीं उठाया।”
कांग्रेस व राकांपा से बात करने की शिवसेना की नीति गलत- देवेंद्र
उन्होंने कहा कि भाजपा से बात नहीं करने और विपक्षी कांग्रेस व राकांपा से बात करने की शिवसेना की “नीति” गलत थी। फडणवीस ने कहा, “जिस दिन नतीजे आए, उद्धव जी ने कहा कि सरकार गठन के लिये सभी विकल्प खुले हैं। यह हमारे लिये झटके जैसा था क्योंकि लोगों ने हमारे गठबंधन के लिये जनादेश दिया था और ऐसी परिस्थितियों में हमारे लिये यह बड़ा सवाल था कि उन्होंने यह क्यों कहा कि उनके लिये सभी विकल्प खुले हैं।”
उद्धव ठाकरे ने कहा- सीएम पद के लिए भाजपा की जरूरत नहीं
फडणवीस के संवाददाता सम्मेलन के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री को मीडिया से बातचीत करते देखकर चिंता हो रही है। उद्धव ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिये शिवसेना को भाजपा की जरूरत नहीं है।
‘अमित शाह की मौजूदगी में सत्ता की समान साझेदारी पर सहमति बनी थी’
उन्होंने दावा किया कि अमित शाह की मौजूदगी में सत्ता की समान साझेदारी पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि वो खुद को झूठा ठहराए जाने से स्तब्ध हैं। शिवसेना नेता ने कहा कि मीठी बातों से पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
लोकतंत्र में जिसके पास बहुमत होता है वह सरकार बनाता है- संजय राउत
वहीं पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि देवेंद्र फड़णवीस को लगता है कि उनकी पार्टी राज्य में अगली सरकार बना रही है तो उन्हें हमारी “शुभकामनाएं” हैं। राउत ने कहा, “मुख्यमंत्री अगर कह रहे हैं कि उनके नेतृत्व में प्रदेश में एक बार फिर भाजपा सरकार होगी तो मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। लोकतंत्र में जिसके पास बहुमत होता है वह सरकार बनाता है और मुख्यमंत्री पद उसे मिलता है।”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “अपनी पार्टी की तरफ से मैं भी कहता हूं कि अगर हम चाहते तो सरकार बना सकते हैं और शिवसेना का मुख्यमंत्री हो सकता है।”
105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा
नतीजे आने के एक पखवाड़े बाद भी सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राज्यपाल सबसे ज्यादा सीट वाले दल को बुला क्यों नहीं रहे हैं। पवार ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि राज्यपाल कोश्यारी भाजपा को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये आमंत्रित क्यों नहीं कर रहे हैं जो 105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है।
अठावले ने की पवार से मुलाकात
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शुक्रवार को यहां पवार से मुलाकात की और महाराष्ट्र में सरकार गठन पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिये “उनसे सलाह मांगी”। मुलाकात के बाद पवार ने पत्रकारों से अठावले के जरिये कहा कि भाजपा और शिवसेना को लोगों द्वारा दिये गए “स्पष्ट जनादेश” का सम्मान करना चाहिए। पवार ने कहा, “महाराष्ट्र जैसे राज्य में ऐसी स्थिति नहीं बननी चाहिए। उन्होंने (अठावले ने) सलाह मांगी थी। हमारी आम राय थी कि लोगों ने भाजपा और शिवसेना को स्पष्ट बहुमत दिया है।” पवार ने कहा कि राष्ट्रपति या राज्यपाल कब तक इंतजार कर सकते हैं, उन्हें कुछ फैसला लेना होगा।