नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सवाल जस का तस बना हुआ है। महाराष्ट्र में कब और कैसे सरकार बनेगी इसका जवाब अबतक नहीं मिला है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयानों ने सियासी सस्पेंस और बढ़ा दिए हैं। हालांकि शिवसेना अभी भी पुराने दावों पर जस के तस टिकी है। इस बीच आज राज्यसभा में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बारे में एक रिपोर्ट पेश की जाएगी। हर गुजरता दिन एक नया सस्पेंस भरा बयान लेकर आता है और सरकार बनाने की कवायद जस की तस नजर आती है।
महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी, कब बनेगी और किसकी बनेगी इसका जवाब किसी भी पार्टी के पास नहीं है। इस बीच शरद पवार के एक बयान ने फिर से कन्फ्युजन बढ़ा दिया है। जब उनसे पूछा गया कि सरकार बनाने पर स्थिति कब तक साफ हो पाएगी तब उन्होंने कहा कि सरकार बनाने वालों से पूछिए न।
एनसीपी और कांग्रेस के रुख से महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सस्पेंस बढ़ रहा है, हालांकि शिवसेना अब भी सरकार बनाने की जुगत में जुटी हुई है लेकिन उसके पास भी ना तो कोई सीधा समीकरण है और ना ही नंबर। यही वजह है कि शिवसेना फिर से उन्हीं पुराने बयानों और दावों को दोहरा रही है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने शरद पवार के बयान पर भी सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।
महाराष्ट्र में अब तक सियासी समीकरण साधा नहीं जा सका है यही वजह है कि बैठकों का दौर तो जारी है लेकिन नतीजा सामने नहीं आया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 22 नवंबर को पार्टी के विधायकों की एक मीटिंग बुलाई है। ये मीटिंग मातोश्री में होगी। शिवसेना की सरकार बनाने के लिहाज से ये मीटिंग बेहद आहम मानी जा रही है।
इस बीच आज कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग में सरकार बनाने की रणनीति पर चर्चा किया जाएगा। मीटिंग में शामिल होने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के कई सीनियर नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं। दरअसल ये मीटिंग मंगलवार को ही होनी थी लेकिन इस बैठक को आज के लिए टाल दिया गया था।
वहीं कल कांग्रेस की भी एक बड़ी बैठक हुई थी। इस बैठक में सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल, एके एंटनी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने विचार विमर्श किया। महाराष्ट्र कांग्रेस के अंदरुनी सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पार्टी के ज्यादातर विधायक शिवसेना के साथ सरकार बनाना चाहते हैं। कांग्रेस के 41 विधायक सरकार में शामिल होने के पक्ष में हैं। इन विधायकों की तरफ से पार्टी आलाकमान को मैसेज भेजा गया है कि सरकार का गठन जल्द से जल्द किया जाए। यानी कांग्रेस धीरे-धीरे ही सही शिवसेना के साथ में सरकार बनाने के पक्ष में दिखाई पड़ रही है लेकिन ये कब तक होगा कहना मुश्किल है।
महाराष्ट्र में लगी राष्ट्रपति शासन की गूंज संसद में भी सुनाई पड़ रही है। आज राज्यसभा में केंद्र सरकार इस बारे में एक रिपोर्ट पेश करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में राष्ट्रपति शासन से संबंधित रिपोर्ट पेश करेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र में किसी भी दल द्वारा सरकार न बना पाने की स्थिति में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की थी जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी से वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।