मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने शनिवार को कहा कि देवेन्द्र फडणवीस ने जिस ‘‘गुपचुप’’ तरीके से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद और राकांपा के अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उसे राज्य के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शिवसेना, राकांपा और उनकी पार्टी की सरकार बनेगी। उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि राज्य में शिवसेना और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने में कांग्रेस ने विलंब किया।
पटेल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ‘‘बेशर्मी’’ की सीमा लांघ दी। उन्होंने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ हाथ मिलाकर भगवा दल द्वारा सरकार बनाने के बाद लोकतंत्र ‘‘बिखर’’ गया है। बहरहाल पटेल ने कहा कि शिवसेना- कांग्रेस- राकांपा गठबंधन विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान भाजपा को हराएगा और तीनों दलों के गठबंधन की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि तीनों दल राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर लड़ाई लड़ेंगे। पटेल के साथ कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, राज्य कांग्रेस के प्रमुख बाला साहेब थोराट एवं अन्य नेता भी मौजूद थे। पटेल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मुख्यमंत्री को गुपचुप तरीके से शपथ दिलाई गई तो न तो बैंड-बाजा था, न ही बराती थे और इस घटना को महाराष्ट्र के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।’’
पटेल ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा, शिवसेना और राकांपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण नहीं दिया। 288 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 44 विधायक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद एक नेता (अजित) जाते हैं और एक सूची सौंपते हैं। इस सूची की पुष्टि नहीं की जाती है। सभी से बात की जानी चाहिए थी। लेकिन किसी को बताए बिना मनमाने तरीके से सुबह में शपथ ग्रहण समारोह करा दिया गया। मुझे इसमें षड्यंत्र नजर आता है, कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है।’’
उन्होंने कहा कि देश और महाराष्ट्र के लोगों का लोकतंत्र के सिद्धांतों में विश्वास है। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘लेकिन उस विश्वास का अपमान किया गया।’’ पटेल ने कहा, ‘‘संविधान और लोकतंत्र को कुचला गया। बेशर्मी की हद होती है। उन्होंने बेशर्मी की सीमा लांघ दी।’’ उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि शिवसेना और राकांपा के साथ मिलकर कांग्रेस ने सरकार बनाने में विलंब किया। पटेल ने कहा, ‘‘ये पूरी तरह निराधार आरोप हैं, हमारी तरफ से एक सेकेंड का भी विलंब नहीं हुआ।’’
उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगने के तुरंत बाद कांग्रेस हरकत में आई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक ‘‘एकजुट’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केवल दो विधायक (अपने) गांवों में हैं। वे भाजपा को हराने के लिए तैयार हैं। शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी।’’
यह पूछने पर कि बहुमत साबित करने से पहले कांग्रेस विधायकों को कहीं और स्थानांतरित किया जाएगा ताकि कोई तोड़फोड़ नहीं हो सके तो पटेल ने कहा कि इस पर पार्टियां रणनीति बनाएंगी। यह पूछने पर कि क्या पवार के एक निकट विश्वस्त के भाजपा से हाथ मिलाने से कांग्रेस दुखी है तो पटेल ने कहा, ‘‘नि:संदेह यह दुखद है। हम दुखी हैं और यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ पटेल ने एक पत्रकार के सवाल पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया, जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें राकांपा प्रमुख शरद पवार के बयान पर विश्वास है कि अजित के कदम के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के बीच सहमति थी।