नई दिल्ली: महाराष्ट्र में नई सरकार कब बनेगी, ये सवाल पिछले एक सप्ताह से बना हुआ है। बीजेपी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद और फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले पर खींचतान के बीच मुंबई में शिवसेना विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे भी शामिल रहे। इसमें शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नया नेता चुना। वहीं शिवसेना के सभी विधायक आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। बताया गया है कि यह मुलाकात राज्य मेें सूखे की समस्या को लेकर की जा रही है। दूसरी ओर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एक बार फिर साफ किया है कि 50-50 के फॉर्मूले से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है। बीजेपी ने फिफ्टी-फिफ्टी का वादा किया था और वो अपने वादे से पीछे हट रही है।
इस बीच रामदास आठवले ने फडणवीस को सीएम बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। बीजेपी के एक कैबिनेट मंत्री का कहना था कि फडणवीस खुद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बातचीत की शुरुआत करेंगे। शिवसेना भी गुरुवार को विधायक दल का नेता चुनने वाली है। ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि शिवसेना मंत्री पद पर ज्यादा जगह पाकर समझौता कर सकती है।
इन खबरों के बारे में कि भाजपा ने उपमुख्यमंत्री पद और शिवसेना को 13 मंत्री पद देने की पेशकश की है, इस बारे में राउत सीधा जवाब देने से बचे और कहा, ‘‘हम बही खाता लेकर नहीं बैठे हैं।’’ शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत सत्ता में समान भागीदारी और बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की पार्टी की मांगों को मुखर रूप से व्यक्त करते रहे हैं। भाजपा और शिवसेना के बीच जारी खींचतान के बीच, फडणवीस ने कहा कि गठबंधन सहयोगी जल्द ही राज्य में सरकार बनाएंगे।
राज्य में सरकार बनाने के लिए ‘वैकल्पिक फॉर्मूले’ पर काम किये जाने की अफवाहों को उन्होंने मनोरंजन करार दिया। फडणवीस ने विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मतदाताओं का जनादेश ‘महायुति’ (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) के लिए है। इसलिए ‘महायुति’ जल्द ही राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि राज्य में सरकार बनाने के लिए वैकल्पिक फॉर्मूला के बारे में कई अफवाहें चल रही हैं, लेकिन यह मनोरंजन के अलावा कुछ नहीं है।’’ फडणवीस ने उल्लेख किया कि 1995 के बाद, राज्य में किसी भी पार्टी ने 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 75 से अधिक सीटें नहीं जीतीं, लेकिन भाजपा ने 2014 में 122 सीटें और इस चुनाव में 105 सीटें हासिल की है।