मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ऐसे आठवें मुख्यमंत्री बन जाएंगे जो विधायक नहीं रहते हुए भी राज्य के मुख्यमंत्री बने। उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह मुबंई के शिवाजी पार्क में है। कांग्रेस नेता ए आर अंतुले, वसंतदादा पाटिल, शिवाजीराव निलांगेकर पाटिल, शंकरराव चव्हाण, सुशील कुमार शिंदे और पृथ्वीराज चव्हाण उन नेताओं में शामिल हैं जो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते वक्त राज्य विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे। तत्कालीन कांग्रेस नेता एवं मौजूदा राकांपा प्रमुख शरद पवार का नाम भी इन्हीं नेताओं में शुमार है।
ठाकरे (59) यहां बृहस्पतिवार शाम को शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ऐसे आठवें नेता बन जाएंगे। संविधान के प्रावधानों के अनुसार कोई नेता यदि विधानसभा या विधान परिषद् का सदस्य नहीं है तो उसे पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना होता है। जून 1980 में मुख्यमंत्री बनने वाले अंतुले राज्य में ऐसे पहले नेता थे। वसंतदादा पाटिल एक सांसद के तौर पर इस्तीफा देने के बाद फरवरी 1983 में मुख्यमंत्री बने थे। निलांगेकर पाटिल जून 1985 में मुख्यमंत्री बने थे जबकि शंकरराव चव्हाण जो उस वक्त केंद्रीय मंत्री थे, मार्च 1986 में राज्य के शीर्ष पद पर आसीन हुए थे।
नरसिंह राव सरकार में पवार तब रक्षा मंत्री थे लेकिन मुंबई में दंगे के बाद सुधाकरराव नाइक के इस पद से हटने के बाद मार्च 1993 में पवार का नाम मुख्यमंत्री के रूप में सामने आया था। इसी तरह, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में पृथ्वीराज चव्हाण मंत्री थे लेकिन वह भी अशोक चव्हाण की जगह नवंबर 2010 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे। अंतुले, निलांगेकर पाटिल और शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा उपचुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे। अन्य चार नेताओं ने विधान परिषद् का सदस्य बनकर संवैधानिक प्रावधान को पूरा किया था।
राकांपा नेता अजित पवार ने कहा है कि बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे और छह मंत्री भी शपथ लेंगे। इनमें दो-दो मंत्री राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस से होंगे। अजित ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यहां शिवाजी पार्क में होने वाले समारोह के दौरान बृहस्पतिवार शाम महाराष्ट्र के मंत्री के तौर पर शपथ नहीं लेंगे। उन्होंने यहां राकांपा प्रमुख शरद पवार के आवास पर पार्टी नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैं आज शपथ नहीं लूंगा। राकांपा से केवल छगन भुजबल और जयंत पाटिल मंत्री पद की शपथ लेंगे।”
उन्होंने कहा कि शिवसेना और कांग्रेस से भी दो-दो विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। अजित ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि वह बृहस्पतिवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं दिलाये जाने के चलते निराश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहीं से भी निराश नहीं हूं। क्या आप मेरे चेहरे पर निराशा देख रहे हैं?’’ महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने अपनी ‘‘बगावत’’ की खबरों का भी खंडन किया। अजित ने पिछले हफ्ते भाजपा से हाथ मिला लिया था और शनिवार सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी।
हालांकि, बाद में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इसके कदम के परिणामस्वरूप राज्य में नवगठित देवेंद्र फडणवीस नीत (भाजपा)सरकार गिर गई। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई बगावत नहीं थी। मैं राकांपा में था, राकापां में हूं और राकांपा में रहूंगा।’’ उन्होंने कहा कि वह शाम में अपनी चचेरी बहन एवं लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले के साथ शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होंगे। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने राज्य में सरकार गठन के लिए महा विकास अघाडी नाम से मोर्चा बनाया है।